विश्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुआ शिवराज सिंह का 7 करोड़ पौधारोपण

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान ऐलान किया था कि वो नर्मदा कैचमेंट एरिया में एक दिन में 7 करोड़ पौधे लगाएंगे और यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा लेकिन ऐसा हो ना सका। पहले नर्मदा कैचमेंट एरिया की शर्त हटाई गई, फिर एक दिन में 7 करोड़ की शर्त बदलकर इसे 7 दिन में 7 करोड़ किया गया। फिर भी यह आयोजन वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाया क्योंकि वनविभाग में अफसरों ने जिस फार्मेट में जानकारी भेजी वो तो 2014 का था। गिनीज बुक को 2017 के फार्मेट में जानकारी चाहिए। 

राज्य सरकार ने 2 जुलाई 2017 को नर्मदा कैचमेंट में सात करोड़ पौधे लगाए हैं। ये विश्व रिकॉर्ड बताया जा रहा है। इसे गिनीज बुक में दर्ज कराने का जिम्मा वन विभाग की विकास शाखा के प्रमुख रहे वाय. सत्यम को सौंपा गया था। सूत्र बताते हैं कि पौधरोपण के हफ्तेभर बाद जिलों को संस्था के तय फॉर्मेट में जानकारी भेजना थी। इसके लिए मुख्यालय ने वर्ष 2014 का फॉर्मेट भेज दिया।

डेढ़ महीने की मशक्कत के बाद जिले के अफसरों ने वन मुख्यालय को तय फॉर्मेट में जानकारी भेज दी। तब तक 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' संस्था ने नया फॉर्मेट भेज दिया। आखिरकार अफसरों ने पुराने फॉर्मेट में आई जानकारी को अमान्य करते हुए नए फॉर्मेट में मंगाने का निर्णय लिया।

फिर से भेजे गए फॉर्मेट 
अब विभाग ने दोबारा नया फॉर्मेट भेजकर जानकारी इकठ्ठी कराना शुरू किया है। इसमें कितने क्षेत्र में कितने पौधे लगाए गए। सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं। चार गवाह के दस्तखत के अलावा फोटो और वीडियो भी अटैच करना है।

दो दर्जन अफसरों की ड्यूटी लगाई
जिलों से नए फॉर्मेट में आ रही जानकारी का प्रति परीक्षण करने वन मुख्यालय में पदस्थ करीब दो दर्जन एसीएफ की ड्यूटी लगाई गई है। उन्हें दो और तीन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

फिर कैसे हो गई गलती 
विश्व रिकॉर्ड का रजिस्ट्रेशन कराने में रिटायर्ड आईएफएस अफसर वाय. सत्यम को महारथ हासिल है। यही कारण है कि सरकार उन्हें संविदा नियुक्ति देने पर विचार कर रही है। हालांकि इस लापरवाही के कारण वरिष्ठ अफसर उनसे नाराज बताए जा रहे हैं।

रिकॉर्ड का मिलान कर रहे
पौधरोपण का प्रस्ताव भेजने में अभी समय लगेगा। हम रिकॉर्ड का मिलान कर रहे हैं। मुख्यालय में अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है। पुराना फॉर्मेट भेजने के मामले में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। 
एसपी रयाल, प्रभारी, एपीसीसीएफ, विकास

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