
पंकज से जब सख्ती से पूछा गया कि आखिर इस तरह वारदात को अंजाम देने का आइडिया कहां से मिला तो उसने बताया कि करीब छह महीने से 'क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया' सीरियल देख कर उस जैसी थिअरी पर काम कर रहा था। मगर पुलिस के सर्विलांस सिस्टम को धता बताने, मोबाइल कॉल और सीसीटीवी की नजर से बचने का आइडिया बॉलीवुड की फिल्म 'दृश्यम' से लिया। पकंज ने यह फिल्म करीब 17 बार लैपटॉप और टीवी पर देखी। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन के हर एक पार्ट को यूट्यूब पर देखा।
एक महीने से रूट की रेकी, फिर किया फिक्स
जांच में पता चला कि पंकज ने प्रिया के मर्डर की पटकथा करीब एक महीने पहले ही तैयार कर ली थी। बादली रेड लाइट के यूटर्न पर प्रिया के मर्डर का प्लान रेकी करके तैयार किया। इस बात की तस्दीक उसके मोबाइल की सीडीआर और पिछले एक महीने की लोकेशन के आधार पर हुई है। पंकज कई बार पीक ऑवर में उस रूट की रेकी करने गया, फिर कई मर्तबा ऑफ टाइम में निकला।
रेकी के दौरान वह रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जानकारी जुटाना चाहता था। देखना चाहता था कि सेफ एरिया कौन सा रहेगा जहां सीसीटीवी की निगरानी न हो। उसे रेड लाइट का यूटर्न सेफ लगा। जहां तड़के आवाजाही ना के बराबर होती है। मगर पेट्रोल पंप के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे पर उसकी निगाह नहीं पहुंच सकी। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद और शुक्रवार को कोर्ट में पेश होने तक पंकज के मन में अपने गुनाह का कोई पछतावा नहीं है।
पुलिस अफसर ने बताया कि कोर्ट से मिली 3 दिन की रिमांड के दौरान पुलिस मर्डर से जुड़े सभी अहम सबूत इकठ्ठा करेगी। मसलन वारदात में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी, हथियार मुहैया कराने वाला शख्स, पंकज के फ्रेंड सर्किल में पूछताछ, सोशल साइट्स पर उसकी ऐक्टिविटी से लेकर मोबाइल और लैपटॉप को पुलिस खंगालेगी।