
साथियों के सामने पिटाई और पुलिस को शिकायत की धमकी देकर डराने से आयुष डिप्रेसन में आ गया। स्कूल से घर लौटते ही उसने कैरोसिन उड़ेलकर खुद को आग लगा ली। आयुष के पिता आलोक तिवारी घर पर नहीं थे, मां ने किसी तरह पड़ोसियों की मदद से 50 प्रतिशत झुलसे बेटे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचाया।
शरारत की थी तो हमसे शिकायत करते
आयुष के पिता आलोक ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। आलोक का आरोप है कि उनके बेटे की आत्मदाह की कोशिश के लिए उसकी क्लास टीचर और प्रिंसिपल की बच्चों के प्रति संवदनहीनता और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार दोषी है। आलोक के मुताबिक बच्चे की शरारत पर टीचर और प्रिंसिपल की सजा ही काफी थी, पेरेंट्स की शिकायत भी की जा सकती थी, लेकिन मासूम बच्चे को शरारत के लिए पुलिस का डर दिखाना बिल्कुल गलत है।
जिला शिक्षा अधिकारी: मामला गंभीर है जांच कराएंगे
जिला शिक्षा अधिकारी आरएस बघेल ने बताया कि मामला गंभीर है, उन्हें भी शिकायत मिली है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जाँच कराई जाएगी, और दोषी पाए जाने पर टीचर व
प्रिंसिंपल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छिंदवाड़ा पुलिस कोतवाली के टीआई सुमेर सिंह जगेत ने बताया की परिजनों की शिकायत पर मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। रिजल्ट के बाद कार्यवाही की जाएगी