
चौहान दिग्विजय के उस रीट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। लेकिन बाद में विवाद होने पर उन्होंने कहा था कि वे शब्द उनके नहीं थे। दिग्विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया था। जिसमें असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया गया था, जिसे यहां लिखा नहीं जा सकता।
दिग्विजय सिंह ने बाद में उस रीट्वीट से खुद को अलग करते हुए ट्वीट किया कि ये शब्द मेरे नहीं हैं। संबंधित व्यक्ति से मैं माफी मांगता हूं। वह तो 'मूर्ख बनाने की कला' में माहिर हैं। चौहान ने कहा कि वे राजनीति में इस स्थान पर पहुंच कर भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह तो बौखलाहट है। यह पूछे जाने पर कि इस तरह की टिप्पणी वह क्यों करते हैं? चौहान ने कहा, "चर्चा में बने रहने के लिए कुछ न कुछ ऐसी बातें बोलते रहते हैं। उन्होंने शालीनता की सारी सीमाएं तोड़ दी। कुछ तो शिष्टाचार रखो -इंसान हो, मानव हो।