
सूत्र बता रहे हैं कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, उसमें कहा है कि 24 में से 23 संदिग्ध मौत व्यापमं की वजह से नहीं हुई। इसके साथ ही कहा है कि जिन्होंने आत्महत्या की है, उसकी वजह भी व्यापमं नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 में से 10 लोगों ने एकतरफा प्यार, परिवार में तनाव और पैसे की वजह से सुसाइड किया है। जबकि 16 लोगों की मौत आरोप लगने से पहले ही हो गई। 9 मौतों के मामले में तो एसटीएफ ने बिना पोस्टमार्टम के ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इससे जिस एसआईटी की निगरानी में एसटीएफ जांच कर रही थी, वह संदेह के घेर में आ रही है।
बता दें, साल 2009 से व्यापमं में घोटाले होने की शिकायत हुई थी और इसी साल इसकी एक जांच कमेटी बनाई गई थी। साल 2011 में सबूतों के साथ इस घोटाले को विधानसभा में रखा गया। वहीं 2013 में व्यापमं में पहली पुलिस एफआईआर दर्ज हुई। साल 2013 में स्पेशल टास्क फोर्स को इसकी जांच सौंपी गई। एसटीएफ की जांच पर सवाल उठने लगे तो तीन सदस्यों की एक एसआईटी बनाई गई। जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी।