
मामला सुल्तानिया अस्पताल का है। अब अस्पताल प्रबंधन मामले में बात करने से इंकार कर रहा है। गनीमत ये रही कि वक्त रहते सुई को निकाल लिया गया वरना महिला के पैरेलाइज़ड होने का खतरा था। बुधवार को राखी नाम की गर्भवती महिला को भर्ती कराया गया, जिसका सिज़ेरियन ऑपरेशन किया जाना था। शाम 4 बजे उसे ओटी शिफ्ट किया गया जहां उसका ऑपरेशन हुआ।
ऑपरेशन के बाद महिला लगातार दर्द की शिकायत करती रही लेकिन डॉक्टरों ने उसकी बात नहीं सुनी। शुक्रवार सुबह 9 बजे जब महिला को पलटाया गया तो उसकी पीठ में सुई फंसी हुई निकली। ये कोई पहली बार नहीं है कि अस्पताल में इस तरह की लापरवाही सामने आई हो। 31 अगस्त को एक महिला का प्रसव टॉयलेट में हो गया था जिसमें बच्चे की मौत हो गई थी।