नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंकों की सारी चिंताएं दूर हो गईं हैं। ग्राहक को भगवान मानने वाले बैंक अब ग्राहकों को दुत्कारने लगे हैं। सरकारी नीतियों के कारण खाताधारक मजबूर है और बैंक इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं। बैंकों ने सर्विस चार्ज 25% तक बढ़ा दिए हैं। यह बैंकों के लिए तात्कालिक फायदा तो देगा परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खाताधारक भाग जाएंगे और यदि एक बार लोगों का बैंकों पर से भरोसा उठ गया तो फिर उनका लौटना मुश्किल हो जाएगा। आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बा राव और दिल्ली यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर आलोक पुराणिक ने कहा कि इस तरह से कस्टमर्स पर चार्ज लादना लॉन्ग टर्म में बैंकों को ही नुकसान पहुंचाएगा।
कौन कौन सी सर्विस महंगी हुईं
बैंकों ने जीएसटी लागू होने के बाद सर्विस चार्ज 15% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। लॉकर चार्ज में बैंकों ने 25% तक का इजाफा किया है। कुछ ने ज्यादा बढ़ोत्तरी भी की है।
सेविंग अकाउंट में कैश ट्रांजैक्शन्स की लिमिट तय कर दी है। इसके बाद चार्ज लगाए जा रहे हैं।
नई चेकबुक इश्यू कराना महंगा हुआ है। अलग-अलग बैंकों में इसके चार्ज 3 से 5 रुपए प्रति चेक कर दिए गए हैं।
ऑनलाइन बैंकिंग के चार्ज भी बढ़ा दिए गए हैं।
एटीएम से पैसे निकालने पर भी 3 से 5 बार की लिमिट लागू है। इसके बाद ग्राहकों से चार्ज लिए जा रहे हैं।
डुप्लीकेट पासबुक इश्यू कराने पर 50 से 100 रुपये चार्ज लगाए जा रहे हैं।
सिग्नेचर वेरिफिकेशन चार्ज के तौर पर एसबीआई 150 रुपए लेगा।
इंटरेस्ट सर्टिफिकेट इश्यू करने के लिए बैंक 150 रुपए तक ले रहे हैं।
डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के चार्ज भी ज्यादातर बैंकों ने बढ़ा दिए हैं।
एनईएफटी के लिए 25 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन तक लिया जा रहा है।
कितना महंगा हुआ लॉकर चार्ज
एसबीआई ने इस साल लॉकर चार्ज में 25% तक की बढ़ोत्तरी की है।
एसबीआई ने लॉकर ऑपरेट करने की संख्या भी कम कर दी। 12 बार के बाद ग्राहकों को 100 रुपए के साथ सर्विस टैक्स देने की व्यवस्था कर दी गई।
आईसीआईसीआई, एक्सिस और एचडीएफसी बैंक के लॉकर चार्ज में भी इजाफा किया गया है। सभी बैंक एनुअल फी के अलावा सर्विस चार्ज भी ले रहे हैं।
सैलरी अकाउंट
एचडीएफसी बैंक सेविंग के साथ ही सैलरी अकाउंट पर भी चार बार से अधिक बार पैसे डिपॉजिट करने या निकालने पर कम से कम 150 रुपए चार्ज लगा रहा है।
एक्सिस बैंक सेविंग के अलाव सैलरी अकाउंट पर भी पांच बार से ज्यादा बार पैसे निकालने पर कम से कम 95 रुपए चार्ज वसूल कर रहा है। ये चार्ज 2.50 रुपए प्रति हजार की दर से लिया जा रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक पहले चार ट्रांजैक्शन्स के बाद 5 रुपए प्रति हजार या 150 रुपए चार्ज ले रहा है।
किसी भी दूसरी ब्रांच में पैसा डिपॉजिट करने पर
कहीं भी कैश डिपॉजिट करने पर आईसीआईसीआई बैंक आपसे 5 रुपए प्रति हजार (कम से कम 150 रुपए) शुल्क लेगा। यानि यदि आप 1000 से लेकर 30000 तक कुछ भी डिपॉजिट करते हैं तो 150 रुपए चार्ज लगेगा।
आईसीआईसीआई बैंक बेस ब्रांच (जहां अकाउंट है) में एक महीने में पहले चार लेन-देन के लिए कोई फीस नहीं ले रहा। इसके बाद प्रति 1,000 रुपए पर 5 रुपए फीस वसूल रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक आउट स्टेशन ब्रांच पर सिर्फ एक कैश ट्रांजैक्शन ही फ्री दे रहा है। इसके बाद 5 रुपए प्रति हजार चार्ज लगेगा।
एचडीएफसी 25000 रुपए से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 5 रुपए प्रति हजार या 150 रुपए चार्ज वसूल रहा है। इसमें वहीं लिया जाएगा, जो ज्यादा होगा। वहीं, बेस ब्रांच में दो लाख रुपए तक ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं है।
पीएनबी भी दूसरी ब्रांच में 5000 रुपए से ज्यादा कैश डिपॉजिट पर 2 रुपए प्रति 1000 वसूल रहा था, जो अब बढ़ा दिया गया है।
चेकबुक
एसबीआई एक फाइनेंशियल ईयर में 50 चेक वाली चेकबुक मुफ्त देता है। इसके बाद 25 पन्नों वाली चेकबुक के लिए 75 रुपए के साथ सर्विस टैक्स भी देना पड़ता है।
पीएनबी पहली चेकबुक फ्री देता है। इसके बाद नई चेकबुक के लिए प्रति चेक 2.50 रुपए चार्ज देना होगा।
आईसीआईसीआई बैंक तो लूज चेक के लिए 25 रुपए प्रति चेक तक वसूल रहा है।
एचडीएफसी बैंक नई चेकबुक के लिए प्रति चेक 5 रुपए चार्ज लेता है।
डिपॉजिट पर ब्याज दर घटाई
इसके उलट एसबीआई ने सेविंग अकाउंट में डिपॉजिट पर ब्याज दर घटाकर 3.5 फीसदी कर दी गई है। पहले यह 4 फीसदी थी।
एचडीएफसी, एक्सिस और आईसीआईसीआई बैंक सेविंग अकाउंट में डिपॉजिट पर 3.5 फीसदी ब्याज ही दे रहे हैं।
कोटक महिंद्रा बैंक सेविंग अकाउंट में डिपॉजिट पर 5 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है।
क्या करें कस्टमर्स?
आर्थिक मामलों के जानकार आलोक पुराणिक का कहना है कि बैंकों की ओर से रोज लगाए जाने वाले चार्ज से बचने के लिए लोगों को अवेयर होने की जरूरत है। लोगों को बैंक अकाउंट खुलवाने से पहले ही पूरी रिसर्च कर लेनी चाहिए।
सबसे पहले बचत खाते में जमा पर मिलने वाले ब्याज की तुलना करनी चाहिए।
डिपॉजिट रेट कम्पेयर कर लें। अगर बैंक नहीं बदलना चाहते तो ज्यादा से ज्यादा लेन-देन कैशलेस करें।
पैसा बैंक में डिपाजिट करने की बजाए म्यूचुअल फंड में लगाएं, ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके। इसके लिए सिप पर भरोसा कर सकते हैं।'
जोखिम ले सकते हों और बाजार की समझ हो तो शेयर मार्केट से शानदार रिटर्न लिया जा सकता है।
इस समय प्रॉपर्टी की कीमतें घट गई हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी में निवेश भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
सरकारी बॉन्ड में निवेश भी कर सकते हैं। साथ ही ऐसे इन्श्योरेंस प्लान भी बाजार में मौजूद हैं, जिनमें सुरक्षा के साथ अच्छा रिटर्न भी मिलता है।
क्या बैंकों से लोगों का भरोसा घटेगा?
आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बा राव ने कहा- "अगर बैंक इसी तरह कस्टमर्स पर चार्ज लादते रहे तो लॉन्ग टर्म में ये बैंकों के लिए ही नुकसानदेह साबित होगा। लोगों का भरोसा बैंकिंग सिस्टम में कम होता जाएगा। लोग बैंकों में रकम रखने के बजाय अलग-अलग जगह इन्वेस्ट करने में ज्यादा भरोसा करेंगे।