
ठाकरे ने लिखा, "उन्होंने (बीजेपी ने) एक झूठा मीडिया कैम्पेन चलाकर आम आदमी को गलत जानकारी दी, उन्हें धोखा दिया लेकिन जिस सोशल मीडिया को हथियार बनाकर बीजेपी ने इस्तेमाल किया अब वही उस पर पलटवार कर रही है। 2014 में चुनाव जीतना बीजेपी के लिए जुनून बन गया था और इसके लिए उन्होंने हर उसूल दांव पर लगा दिया। झूठे वादे किये गये। लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने लिखा कि सरकार का विरोध करने वालों का मजाक बनाया गया, उन्हें ट्रोल किया गया। उन्होंने लिखा यदि सरकार अपना काम अच्छे से कर पाती तो लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया होता। नोटबंदी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी गलती बताते हुए राज ठाकरे ने लिखा, "कई लोगों की नौकरियां छिन गईं। इन्फ्लेशन बढ़ गया। इतना कुछ हो गया और कोई सरकार से सवाल नहीं पूछ सकता? प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह लोगों के सेवक हैं और उनके लिए जनता शासक (राजा) है। अगर यही बात है तो क्या एक राजा को सवाल पूछने का हक नहीं है?
उन्होंने आगे लिखा, "और जब जनता अपनी नाराजगी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए जाहिर करते हैं तो उनकी अभिव्यक्ति की आजादी का मजाक उड़ाया जाता है। उन्हें पुलिस के माध्यम से नोटिस भेजा जाता है। क्या पीएम की असफल नीतियों का विरोध करना गलत है?"
उन्होंने मोदी सरकार पर फोटोशॉप तकनीक का इस्तेमाल पर ऐसी चीजें प्रस्तुत करने का आरोप लगाया जो कि हैं ही नहीं। उन्होंने लिखा, "बीजेपी का विरोध करने वाले पत्रकारों और बुद्धिजीवियों का ऐसा मजाक बनाया जाता है कि आम लोग भी सोशल मीडिया के प्रभाव में आ जाते हैं। उन्होंने लिखा आप दूसरी पार्टियों और उनके नेताओं का जमकर मजाक उड़ाते हैं लेकिन जब आपकी बारी आती है तो आप बौखला उठते हो और पुलिस को दखल देने के लिए कहते हैं।
उन्होंने ट्रोल्स पर लिखते हुए इससे पीड़ित लोगों को उनसे संपर्क करने के लिए कहा। उन्होंने इसके लिए एक मेल आईडी emailconnectrajthackeray@gmail.com जारी की है और एफआईआर कॉपी के साथ मेल करने की बात कही है। अपने पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा, "मैं हमेशा से ही पुलिस का सपोर्टर रहा हूं और भविष्य में भी रहूंगा। हालांकि मेरी आपसे विनती है कि सरकार के इशारे पर आम लोगों को परेशान न करें। सरकारें बदलती रहती हैं।