
न्यायमूर्ति एसके पालो की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी, प्रशांत अवस्थी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, पंकज तिवारी, आनंद शुक्ला और सुधाकरमणि पटैल ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता डॉ.गोविन्द बीएएमएस डिग्रीधारक है। उसने बाकायदे प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
इसलिए एलोपैथिक दवाओं सहित पकड़े जाने पर जेएमएफसी कोर्ट में आपराधिक केस चलाना उचित नहीं है। इसीलिए ड्रग इंस्पेक्टर की कार्रवाई और अभियोजन कार्रवाई को कठघरे में रखते हुए हाईकोर्ट की शरण ली गई।