अध्यापकों के सम्मेलन में कमलनाथ की बेअदबी

भोपाल। छिंदवाड़ा सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश में सीएम कैंडीडेट के दावेदार कमलनाथ ने अध्यापक संघर्ष समिति के प्रांतीय अधिवेशन में अध्यापकों को अपमानित किया। हालांकि उनके बयान अध्यापकों की मांगों का समर्थन कर रहे थे परंतु जिस तरह से वो मंच पर आसीन थे, वह मुद्रा अध्यापकों को अपमानित करने वाली थी। सभ्य समाज में इसे अशिष्टता, उर्दू में बेअदबी और अंग्रेजी में bad manners कहते हैं। 

अध्यापकों को भारतीय समाज में गुरू का दर्जा दिया गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों के मुखियाओं ने अध्यापकों को भारत के भविष्य का निर्माता कहा है। यह समाज का ऐसा वर्ग है जिसके लिए वेतन से ज्यादा सम्मान मायने रखता है। इतिहास गवाह है, सम्मान को बचाने के लिए कई अध्यापकों ने नौकरियों से इस्तीफे तक दे दिए परंतु यहां 6वां वेतनमान और संविलियन की मांग कर रहे अध्यापकों ने कमलनाथ की अशिष्टता को भी सहर्ष स्वीकार किया। किसी ने आपत्ति तक नहीं उठाई।
भाजपा सूत्रों का आरोप है कि छिंदवाड़ा में अध्यापक संघर्ष समिति का प्रांतीय अधिवेशन अध्यापकों को न्याय दिलाने के लिए नहीं बल्कि कमलनाथ का कद बढ़ाने के लिए आयोजित किय गया था। कांग्रेस में इन दिनों कमलनाथ की ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रतिस्पर्धा चल रही है। कमलनाथ सीएम कैंडिडेट का दावा कर रहे हैं परंतु उन पर सवाल उठते रहे हैं कि वो केवल गुड़ीगुडी (संबंध बनाने वाली) पॉलिटिक्स करते हैं। उन्होंने ना तो शिवराज सरकार को घेरा और ना ही आम जनता में उनका कोई संपर्क है। मध्यप्रदेश की उनका प्रभाव छिंदवाड़ा और कुछ पड़ौसी जिलों तक ही सीमित हैं। ये दाग धोने के लिए कमलनाथ पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए हैं और शिवराज सिंह को सीधे घेर रहे हैं। भाजपा का दावा है कि अध्यापकों का प्रांतीय अधिवेशन भी इसी रणनीति का हिस्सा है। इसके जरिए वो कांग्रेस हाईकमान को बताना चाहते हैं कि मध्यप्रदेश की जनता उन्हे अपना नेता मानती है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !