9000 पंचायतों में बिजली, 5000 में भवन नहीं, फिर भी सबको TV दे दिए

भोपाल। मध्यप्रदेश के सबसे ताकतवर आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। मध्यप्रदेश की 9000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में बिजली ही नहीं है। 5000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों के पास अपने भवन नहीं हैं परंतु विभाग ने उन्हे टीवी समेत वो सारे सामान दे दिए जो भवन और बिजली वाली सुसज्ज्ति पंचायत को दिए जाते हैं। कहीं ये कमीशन के लालच में किया गया सामग्री खरीदी घोटाला तो नहीं। चौंकाने वाली यह है कि 8824 में मोक्षधाम ही नहीं है फिर भी श्मशान के लिए जारी होने वाला बजट हर साल दिया जा रहा है। 11 हजार से ज्यादा पंचायतों में खेल मैदान नहीं है, फिर भी वहां विधायक ट्रॉफी का सफलतापूर्वक आयोजन हो गया। 

पत्रकार श्री पुष्पेंद्र सिंह की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल 23 हजार 280 ग्राम पंचायतें हैं। सभी पंचायतों के विकास के लिये हर साल बजट आवंटन किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया विकास को लेकर लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंस और समीक्षाएं कर रहे हैं। बावजूद इसके एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि विकास और सुविधाएं नाकाफी हैं। 9334 ऐसी ग्राम पंचायतें चिन्हित की गई हैं जहां बिजली नहीं है। इसके पीछे कारण सामने आये हैं कि ग्राम पंचायतों को बिजली का बिल भरने के लिये पंच परमेश्वर मद से 20 प्रतिशत बजट मिलता है। इंटायर्ड फंड के नाम से मिलने वाली राशि को सरपंच दूसरे कामों में व्यय कर देते हैं। पंचायतों के पास सोर्स आॅफ इनकम भी नहीं जिससे बिजली की व्यवस्था बनाई जाये। 

अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं जगह
प्रदेश में 8824 ग्राम पंचायतें मोक्षधाम से वंचित हैं। केन्द्र सरकार के बार-बार दबाव के बाद भी पंचायत अन्तर्गत अंतिम संस्कार के लिये जगह तय नहीं हुई हैं। मोक्षधाम के नाम पर हर साल बजट बराबर जारी किया जा रहा है। रिपोर्ट यह भी है कि करीब पांच हजार पंचायतों में भवन ही नहीं हैं जबकि टेलिविजन सभी पंचायतों को देने का दावा किया जा रहा है।

और इधर, बिना खेल मैदान आयोजित हो गई विधायक ट्रॉफी
राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिये कुछ माह पहले विधायक ट्रॉफी आयोजित की थी। ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट, ब्हॉलीबाल, कबड्डी, खो-खो, सौ मीटर की दौड़ सहित विभिन्न खेल आयोजित किए गए। ये खेल अधिकांश पंचायतों में बिना खेल मैदान के हुए। विधायकों ने आश्वासन दिये थे कि उनके विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों में खेल मैदान होंगे, पर खुलासा हुआ है कि 11 हजार 607 ग्राम पंचायत अन्तर्गत खेल मैदान तैयार नहीं किये गये हैं। इस वर्ष पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने खेल मैदानों के लिये बजट भी भेजा है फिर भी काम में गति नहीं आई है।

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