
मामला सीएम के गृह ज़िले सीहोर का है। सीहोर में किसानों को राहत के नाम पर नाम मात्र की राशि मिल रही है। बुदनी के कई गांवों के किसान इस समय काफी परेशान हैं। ग्राम तिलाडिया के उत्तम सिंह के पास 0.809 हैक्टेयर जमीन है, इनको मात्र 17 रूपए 46 पैसे का फसल बीमा, और लाला बाई की ग्राम में सबसे ज्यादा राशि 194 रूपए 24 पैसे मिली है। इसका रकबा 9 हैक्टैयर है।
पूरे गांव में 52 किसान हैं। इन सबको मिला देखा जाए तो 3 हजार 61 रूपए 50 पैसे का बीमा क्लेम मिला है। यदि औसत निकाला जाए तो प्रति किसान 59 रुपए से भी कम आता है। ऐसे में कैसे किसानों को बर्बाद फसल की लागत मिली होगी इसका अंदाज लगाया जा सकता है। बादामी लाल रहेटी को 4 रूपए 70 पैसे क्लेम स्वीकृत किया गया है।
ग्राम रहटी, मिलाडिया में ऐसे एक नही अनेक उदाहरण सामने है जिन्हे ऐसे कम राशि मिली है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरूआत सीहोर से ही हुई थी। यहां ग्राम शेरपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे और उन्होनें किसानों के हित में फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी।