दिग्विजय सिंह के राजगढ़ में धर्मांतरण: 2 चर्च 1 संस्थान सील

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली लोकसभा सीट राजगढ़ में धर्मांतरण का मामला सामने आया है। प्रशासन ने यहां 2 गिरिजाघर और 1 संस्थान स्थल को सील कर लिया है। जिस इलाके में धर्मांतरण का नेटवर्क पकड़ा गया वह गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा में आता है। यहां से विधायक भाजपा नेत्री ममता मीना है जबकि राजगढ़ लोकसभा से सांसद भाजपा नेता रोडमल नागर हैं। 

मामला आदिवासी क्षेत्र बमोरी के मोहनपुर, खेरीखता, उरईखता, दिरौली, बगोनिया, महोदरा, बिलौदा समेत करीब ऐसे दर्जन भर गाँव का हैं। जहां धर्मांतरण के बाद 200 से 400 परिवार प्रभावित हुए हैं। आरोप है कि यहां ईसाई समुदाय के कुछ लोगों द्वारा आदिवासियों के लिए आरक्षित सरकारी पट्टे की ज़मीन को घेरकर उसपर पक्के भवन का निर्माण कर दिया गया। फिर वहाँ से विशेष प्रार्थना के नाम पर धर्मांतरण का कार्य संचालित किया जाने लगा।

10 साल पहले कुछ धर्मिक संगठनों ने इसका विरोध शुरू किया। कुछ आदिवासी ग्रामीण भी विरोध में साथ आए। एक लम्बी लड़ाई के बाद बीते रोज़ प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए न केवल इस संस्थान को सील कर दिया बल्कि मोहनपुर गाँव में स्थित 2 गिरिजाघरों पर भी तालाबंदी करवा दी। 

सूत्रों का कहना है कि यहां अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए धर्मांतरण कराया जा रहा था। धर्म बदलकर ईसाई बन चुकी आदिवासी महिला इरु बाई ने बताया की कुछ समय पहले उसकी बेटी बहुत बीमार पड़ गई थी, लेकिन धर्मांतरण के बाद बाद उसकी बेटी की तबियत में सुधार हो गया। वहीँ धर्मांतरित हुए कुछ अन्य लोगों ने बताया की ईसाई धर्म अपनाने से बंद पड़े वाहन भी चालू हो जाते हैं।

कुछ इस तरह की बातों से वनवासियों को बहलाकर बड़े स्तर पर धर्मांतरण का कार्य बदस्तूर जारी है, जिसके खिलाफ प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाते हुए संस्था पर तालाबंदी कर दी है। हालांकि तालाबंदी करने में सिस्टम को 10 साल लग गए।

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