SANSKAR INDIA फरार, मामले दर्ज

Bhopal Samachar
बांसवाड़ा। SANSKAR INDIA DEVELOPERS AND ALLIED LIMITED एवं इससे संबंधित 10 कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। आरोप है कि उदयपुर और गुजरात के 8 रिश्तेदारों ने मिलकर 10 अलग-अलग नामों से फर्जी कंपनियां बनाई। कंपनियों के नामों से साहित्य प्रकाशित कराया। फिर आनंदपुरी और संतरामपुर, माहीसागर-गुजरात क्षेत्र के 300 से ज्यादा लोगों को लोक-लुभावनी योजनाओं के माध्यम से अपने झांसे में लिया और करीब 1 करोड़ रुपए से ज्यादा अपनी कंपनियों में जमा कराए। फिर कंपनी के मालिक और सभी पार्टनर फरार हो गए। 

इन कंपनियों में निवेश करने वाले सैकड़ों सदस्य मुख्यालय उदयपुर गए तो पता चला कि यहां कोई कंपनी नहीं है। जिस जगह पर पहले एजेंटों की मीटिंग की गई थी, वहां कोई नहीं मिला। फोन किए तो स्विच ऑफ आए। आखिर अब 28 लोगों ने मिलकर आनंदपुरी में थाने में उपरोक्त 10 कंपनी और उनके सभी मालिकों के खिलाफ धोखाधड़ी, रुपए हड़पने, झांसे में लेकर जमीनें हड़पने के प्रकरण दर्ज कराए हैं। केस दर्ज कराने वालों में 18 लोग आनंदपुरी क्षेत्र के हैं और 10 लोग संतरामपुर, माहीसागर गुजरात के हैं। पुलिस ने तहकीकात शुरू कर दी है। 

फर्जी कंपनियों के नाम 
संस्कारइंडिया डवलपर्स एंड एलाइड लिमिटेड, संस्कार इंडिया प्राेटेड एंड सर्च, संस्कार इंडिया ब्रेवरेज, संस्कार इंडिया इन्फामाल्स, संस्कार इंडिया लेब्स, संस्कार इंडिया रियल कॉन, हविस मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, संस्कार इंडिया प्रोडक्ट, संस्कार इंडिया इंटरप्राइजेज, लोपीन फूड एंड फूल्ड नामों से कंपनियां बनाई गई थी। 

फील्ड के लिए 15 हजार वेतन 
इनकंपनियों की ओर से हर महीने राशि एकत्रित करने और फील्ड का काम देखने के लिए 15 हजार रुपए वेतन पर कुछ कर्मचारी रखे। इन कर्मचारियों में से गुजरात के एक कर्मचारी के 1 लाख 28 हजार 600 रुपए बकाया हैं। इसके जिम्मे आनंदपुरी में भी वसूली का काम था। 

लाखों रुपए जमा कर कंपनियां भाग खड़ी हुई है। हमने आनंदपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इन कंपनियों से जुड़े दस्तावेज और सबूत भी दिए हैं। 
कालीदार ताबियार, परिवादियों का प्रमुख 

थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्य अभियुक्त लोकेश टांक, पिंटूदेवी, पंकज पंवार आदि ने पहले छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित किए। इनके माध्यम से आनंदपुरी क्षेत्रवासियों को जोड़ा। लोग समझे कि यह स्वयं सहायता समूह ही है। फिर लोगों से पहले 100 रुपए से बचत कराना शुरू किया। आखिर में लोगों को इस बात के लिए राजी किया कि 5-6-9 वर्षों में जमा राशि दुगुनी हो जाएगी, इसलिए बड़ी रकम जमा की जाए। आखिर में करीब 30 लाख रुपए से ज्यादा लेकर फरार हो गए। बाद में लोग उदयपुर संस्कार इंडिया डवलपर्स एंड एलाइड लिमिटेड, सेकेंड फ्लोर मेवाड़़ा बिल्डिंग, मेवाड मोटर्स के पास उदयपुर पहुंचे, लेकिन वहां पर कोई नहीं मिला। आसपास पता से जानकारी मिली कि ये लोग तो काफी दिनों से फरार हैं। 

धरियावाद-सूरजपोल थाने उदयपुर थाने में भी केस दर्ज 
इन 10 कंपनियों के खिलाफ सूरजपोल थाने उदयपुर और धरियावाद थाने में भी मुकदमे दर्ज हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों थानों में धोखाधड़ी, रुपए हड़पना, जमीन हड़पने, एफडी और आरडी के नाम पर रुपए जमा करने जैसे प्रकरण बनाए गए हैं। 

ये हैं मुख्य आरोपी 
लोकेश टांक -सूरजपाेल उदयपुर 
पिंटूदेवी पत्नी लोकेश टांक - बेड़वास 
पंकज पंवार - इंदौर-मध्यप्रदेश 
दशरथ टांक - छोटी सादड़ी, प्रतापगढ़ 
अनिल भार्गव - संतरामपुर, माहीसागर 
रामचंद्र टांक - मावली, उदयपुर 
राजेश टांक - राजसमंद 
विजय टांक - पटेल सर्किल, उदयपुर 

हमने इन कंपनियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। लोगों से एफडी और आरडी के नाम से रुपए हड़पे गए हैं। धरियावाद और सूरजपोल उदयपुर में भी प्रकरण दर्ज किया है। 
दिलीप दान, थानाधिकारी, आनंदपुरी 
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