
विश्व संवाद केंद्र में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अल्लाह के रसूल ने फरमाया है कि पेड़, पौधे, पशु, पक्षी अल्लाह की रहमत हैं उन पर तुम रहम करो तभी अल्लाह की रहमत तुम पर बरसेगी। नबी के फरमान को देखते हुए जानवरों की कुर्बानी नही होनी चाहिए क्योंकि उसमें जान होती है। जब उनसे पूछा गया कि नबी के फरमान के मुताबिक पेड़, पौधों में जान होती है तो क्या सब्जियां भी नही खानी चाहिए तो वह जवाब नही दे सके।
अवध प्रांत के संयोजक सैयद हसन कौसर ने गाय की कुर्बानी को हराम बताया। जब उन्हें बताया गया कि इस्लाम में गाय-बकरी की कुर्बानी पर पहले से ही पाबंदी है तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इस मौके पर मंच के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह संयोजक रजा रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पैरवी की।
ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी मुसलमानों पर वाजिब
ईद-उल-अजहा पर जानवरों की कुर्बानी मुसलमान पर वाजिब है। अल्लाह के नबी का फरमान है कि जो ईमान वाला हैसियत होने के बावजूद कुर्बानी न करे तो वो हमारी ईदगाह में न आए। जमीयत उलमा के जिला कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सलमान खालिद ने प्रेस क्लब में मुसलमानों से कुर्बानी के लिए जगह पहले से तय कर लेने की अपील की। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर बताया कि दो से चार सितंबर तक बकरीद में कुर्बानी के लिए बकरे और पड़वे बेचने बाहर से व्यापारी आते हैं। ऐसे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए।