भोपाल। स्कूल बसों की जांच को लेकर आरटीओ व यातायात पुलिस का अभियान लगातार दसवें दिन भी जारी रहा। टीमों ने शनिवार को आरकेडीएफ ग्रुप की 17 बसों की जांच की गई। सभी में गड़बड़ी मिली तो फिटनेस निलंबित कर दिए। 25 जुलाई से शुरू हुई इस कार्रवाई में अब तक टीम ने करीब 500 स्कूल व कॉलेज बसों की जांच की। जिसमें से 451 स्कूल बसों के फिटनेस सस्पेंड कर दिए गए हैं। हैरत की बात तो यह है कि इनमें से महज 20 या 30 स्कूल बस ही कमियां पूरा कर फिटनेस के लिए दोबारा जांच कराने आरटीओ दफ्तर पहुंची है। शेष सभी अनफिट बसें सड़कों पर दौड़ रही है। टीम ने प्रमुख गड़बड़ी इमरजेंसी गेट की जगह पर सीट लगा होना था। बसों में फायर एक्सिटिंग्यूशन तक नहीं लगे थे। स्पीड गवर्नर, कैमरे और जीपीएस भी बसों से नदारत थे।
परिवहन निरीक्षण गिरजेश वर्मा ने बताया कि आरकेडीएफ ग्रुप के भाभा इंजीनियरिंग कॉलेज एंड रिसर्च की 8 में से 2 बसों में स्पीड गवर्नर, 4 बसों में इमरजेंसी गेट खराब होने और सभी में अग्निशमन यंत्र और फर्स्टएड बॉक्स नदारत पाए गए। इसके अलावा आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज की दो बसे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को पूरा नहीं करती पाई गई।
ग्रुप के ही आईएसटी आरकेडीएफ की 5 बसों में न तो स्पीड गर्वनर मिला ना ही जीपीएस कैमरे और सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करते हुए पाई गई। इसी तरह यूनिवसिर्टी की 2 बसे भी अनफिट पाई गई। सभी के फिटनेस निलंबित कर सात दिन में कमियां दूर कर दोबारा फिटनेस कराने के लिए कहा गया है।