अब बिना DOWNLOAD किए APP चलाइए, गूगल ला रहा है इंस्टैंट एप प्रोग्राम

Bhopal Samachar
स्मार्टफोन पर तेजी से कब्जा कर रहे थर्ड पार्टी एप्लीकेशन फोन की इंटरनल मेमोरी में जगह बनाते हैं। इससे न सिर्फ फोन की स्टोरेज बल्कि उसकी परफॉर्मेंस पर भी फर्क पड़ता है। इससे निपटने के लिए गूगल ने ‘इंस्टैंट एप प्रोग्राम’ बनाया है। गूगल इंस्टैंट एप प्रोग्राम मोबाइल ब्राउजर पर ही एप और गेम को एक्सेस करने की अनुमति देता है, भले ही यूजर ने उसे अपने फोन में इंस्टॉल न किया हो। गूगल की इस बेहतरीन सेवा का लाभ 40 देशों के एंड्रॉयड यूजर उठा रहे हैं।

थर्ड पार्टी एप से फोन की स्टोरेज तो भरती ही है, साथ ही इन्हें इंस्टॉल करने के लिए यूजर को अपना कीमती डाटा भी खर्च करना पड़ता है। इतना ही नहीं इससे वायरस और स्पाईवेयर का खतरा भी बढ़ जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल प्लेस्टोर ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म से 500 पॉपुलर एप्स को हटाया है। दरअसल कंपनी को शक था कि ये ऐप मोबाइल के जरिए यूजर्स का डेटा रिकॉर्ड कर सकते हैं और उनकी निजी जानकारी को लीक कर सकते हैं। गूगल इंस्टैंट एप प्रोग्राम के बाद यूजर को थर्ड पार्टी एप फोन में शामिल नहीं करने पड़ेंगे। वहीं, इससे कम स्टोरेज वाले स्मार्टफोन की लाइफ भी अच्छी बनी रहेगी।

जाहिर है अच्छे फीचर वाले किसी भी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करने के लिए यूजर को अपना कीमती डाटा खर्च करना पड़ता है। इसके बाद भी हर नया अपडेट पाने के लिए अलग से डाटा चार्ज लगता है। जबकि गूगल इंस्टैंट एप प्रोग्राम में किसी भी एप का साइज 5 गुना कम होता है। मिसाल के तौर पर यदि आप विडियो शेयरिंग एप ‘विमियो’ का इस्तेमाल गूगल इंस्टैंट एप प्रोग्राम पर करते हैं तो आपको 20 की बजाये 5 एमबी डाटा ही खर्च करना होगा।

यह प्रोग्राम न सिर्फ यूजर बल्कि डेवलपर के लिए भी काफी अच्छा है। दरअसल यूजर किसी भी कम जानकार डेवलपर के एप्लीकेशन को फोन में इंस्टॉल करना पसंद नहीं करते। यूजर को लगता है कि कहीं उनके एप्लीकेशन इंस्टॉल करने से फोन में कोई खराबी न आ जाए। नौसिखिये डेवलपर को इस प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में आसानी होगी और वह अपने सभी ‘की फीचर’ आसानी से यूजर के सामने पेश कर पाएगा।

गूगल के ब्राउजिंग एप में इस सुविधा का उपयोग करने के लिए यूजर को एप की सेटिंग्स में जाना होगा। फिर नीचे की तरफ स्क्रॉल करने के बाद यूजर को ‘इंस्टैंट एप’ का विकल्प नजर आएगा। विकल्प न मिलने की सूरत में समझ जाइए कि अभी यह प्रोग्राम आपके डिवाइस के लिए उपलब्ध नहीं हुआ है। यदि यह विकल्प आपके डिवाइस में उपलब्ध है तो एप्लीकेशन के टॉगल बटन पर क्लिक करें और सेवा की शर्तों को स्वीकार करें। एक बार प्रोग्राम ‘इनेबल’ हो जाने के बाद मोबाइल वेब ब्राउजर में ‘इंस्टैंट’ का आइकन दिखने लगेगा। बताते चलें कि यह प्रोग्राम पहले सिर्फ गूगल पिक्सल और नेक्सस की रेंज के डिवाइस पर ही उपलब्ध था। लेकिन अब इसे एंड्रॉयड 6.0 और इससे ऊपर के वर्जन के लिए भी जारी कर दिया गया है। अब बहुत जल्द इसे एंड्रॉयड 5.0 के लिए भी पेश किया जा सकता है।
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