
दूसरे दौर के बाद हेनरिक होर्नुंग, मार्सेल ट्राशेल और मार्कस लौबे की जर्मनी टीम ने 115-111 से बढ़त बना ली. तीसरे और आखिरी दौर में जर्मनी के तीरंदाजों ने छह में से चार पर दस अंक का निशाना लगाया. इस राउंड में भारतीय टीम ने 58 अंक जुटाए जो जीत के लिये काफी नहीं थे. इस हार के साथ भारतीय टीम टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रही और जर्मनी को कांस्य पदक मिला.
इससे विश्व कप के चौथे चरण में भारतीय तीरंदाजी टीम को खाली हाथ लौटना पड़ेगा. शंघाई में विश्व के पहले चरण में भारतीय कंपाउंड टीम को एक स्वर्ण पदक मिला था जबकि अंताल्या में हुये दूसरे चरण के मुकाबले में टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था.
इससे पहले, अभिषेक वर्मा, अमन सैनी और अमनजीत सिंह की पांचवीं वरीयता प्राप्त भारतीय तिकड़ी ने स्पेन को 228-222 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी. क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम ने 13वीं वरीय स्वीडन को 231-229 से हराया था. भारतीय टीम हालांकि सेमीफाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त अमेरिका से पार पाने में नाकाम रही थी और 228-233 से हार गई थी. कांस्य पदक जीतने के लिए टीम को जर्मन पर जीत दर्ज करनी थी लेकिन इसमें उसे नाकामी हाथ लगी.