
सरकार यह कोर्स नेशनल स्कूल ऑफ ओपेन स्कूलिंग के जरिये करायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग व एनआइओएस में सहमति बन गयी है. प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में करीब 10 हजार ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जो डीएलएड की जगह बीएड डिग्री धारी हैं. उनका सिर्फ छह महीने का संवर्द्धन कोर्स करना है, लेकिन यह पिछले कई सालों से लंबित पड़ा है. बिहार सरकार के प्रस्ताव पर अगर एनसीटीइ मुहर नहीं लगाती है, तो इन शिक्षकों को डीएलएड करना होगा, नहीं तो नौकरी जायेगी.
शिक्षक हो सकते हैं परेशान
शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो अप्रशिक्षितों की डीएलएड की ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है और 15 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन होगा. अगर इसमें शिक्षक एनसीटीइ की सहमति मिलने का इंतजार करते रहे और डीएलएड के रजिस्ट्रेशन की तारीख खत्म हो गयी, तो उन्हें नौकरी बचाने में परेशानी हो सकती है.