हाईकोर्ट प्रशासन के खिलाफ ADJ का सत्याग्रह, बार ने किया समर्थन

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सामने मंगलवार को अचानक शुरू हुआ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके श्रीवास का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। श्रीवास ने इसे सत्याग्रह का नाम दिया है। श्रीवास मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी भी हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि न्याय मिलने तक उनका सत्याग्रह जारी रहेगा। इतिहास में यह पहली दफा है जब एक एडीजे स्तर का न्यायाधीश हाईकोर्ट प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठा हुआ है। सत्याग्रह पर बैठे श्रीवास ने कहा कि 15 महीने में उनका यह चौथा ट्रांसफर हुआ है, जज श्रीवास का कहना है कि यह हाईकोर्ट की ट्रांसफर पॉलिसी के विपरीत है। यदि इसके बाद भी तबादला आदेश निरस्त नहीं किया गया तो वो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। एडीजे सत्याग्रह में बैठने के बाद उनका हौसला बढ़ाने वकीलों के अलावा विभिन्न् संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य सामने आने लगे हैं।

मेरी पत्नी बच्चे हो रहे प्रताड़ित, एडमिशन के लिए जोड़े हाथ पैर
एडीजे श्रीवास आरोप लगाते हुए कहा कि तबादलों से उनका परिवार प्रताड़ित हुआ है। एक बेटा और पत्नी यहां तो दूसरा बेटा कहीं और पढ़ रहा है। तीन चार महीनें में तबादला होते रहने से पूरा परिवार प्रताड़ित हुआ। एक बच्चे को पहले ही रतलाम में छोड़कर आना पड़ा। वहीं दूसरे बच्चे के एडिमशन के लिए यहां हाथ पैर तक जोड़ने पड़े।

भर्तियों और जजों की मेरिट गलत
एडीजे ने बताया कि किस तरह जजों के खास लोगों की चुन-चुन कर भर्तियां की जा रही है। कर्मचारियों की भर्ती को लेकर किसी नियम का पालन नहीं होता। मनचाहे व्यक्ति को ही नौकरी मिल रही है।

मेरिट गलत तरीके से बनती है
इसके अलावा जजों के काम काज के आधार पर मेरिट तय होती है लेकिन जिनको 40 नंबर मिलते हैं, उन्हें मेरिट में जगह दी जा रही है। जिन्हे 90 नंबर मिलते हैं, उनका नाम ही मेरिट सूची में नहीं जोड़ा जाता।

हाईकोर्ट बार ने दिया समर्थन
दोपहर 12 बजे हाइकोर्ट बार के अशोक तिवारी एवं अन्य वकीलों का समूह जज के समर्थन में पहुंचा। धूप होने की वजह से एडीजे के लिए छाते का इंतजार किया। श्री तिवारी ने कहा कि न्याय की लड़ाई में बार के सभी सदस्य उनके साथ हैं।

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