मप्र प्याज घोटाला: जमाखोरों के गोदामों में बंद हो गई प्याज, दाम 20 रुपए किलो तक

ग्वालियर। मप्र का प्याज खरीदी घोटाला केवल सरकारी खजाने को चपत लगाने वाला घोटाला नहीं रहा बल्कि अब वो आम जनता को प्याज को आंसू रुलाने के लिए तैयार हो गया है। अधिकारियों की सांठगांठ के चलते जमाखोर व्यापारियों ने किसानों ने सस्ती दरों पर प्याज खरीदी और सरकार को 8 रुपए किलो में बेच दी। फिर वही प्याज मैच फिक्सिंग की तरह फिक्स नीलामी में 2 या 3 रुपए प्रति​किलो में खरीदी और गोदामों में बंद कर दी। जमाखोर व्यापारियों ने प्याज की मंडी में सप्लाई बंद कर दी है। प्याज के दाम बढ़ने लगे हैं। 3 दिन पहले यह 10 रुपए किलो थी, अब 18 से 20 रुपए किलो पर पहुंच गई है। रिहायशी इलाकों में आने वाले हाथ ठेलों पर प्याज 25 से 30 रुपए मिलने लगी है। 

जानकारों की मानें तो अगस्त में मप्र का आम आदमी प्याज के आंसू रोता दिखाई देगा। प्रदेश में प्याज की बंपर पैदावार होने पर गर्मियों में प्याज के भाव में भारी गिरावट आ गई थी। इसी बीच किसानों ने बैंक से फसल ​बिक्री का पैसा ना दिए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार अफीम तस्करों ने किसान आंदोलन को उग्र बनाया। वो मप्र की अफीम नीति में बदलाव चाहते थे लेकिन सीएम शिवराज सिंह ने 8 रुपए प्रतिकिलो पर प्याज खरीदने का ऐलान कर दिया। आनन फानन में मंडियों में प्याज की खरीदी शुरू हो गई। सबकुछ ऐसा लगा जैसे जल्दबाजी में किया गया परंतु जिस तरह से मंडियों में प्याज की खरीद बिक्री ओर फिर प्रायोजित नीलामियां हुईं, लगता है जैसे सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ। 

अधिकारियों ने चहेते व्यापारियों को 20 पैसे प्रतिकिलो तक प्याज बेच दी। जबकि आम व्यापारी को 2.5 रुपए किलो भी नहीं दी गई। कमीशन के इस खेल के बाद एक नया खेल भी हुआ। कागजों में हजारों क्विंटल प्याज को सड़ा हुआ बताकर नष्ट करना दर्ज किया गया। वास्तविकता में उसका 10 प्रतिशत हिस्सा कुछ इस तरह नष्ट किया गया कि कब्र खोदकर भी प्याज की जांच ना हो पाए। बची 90 प्रतिशत प्याज बिना एंट्री के ही व्यापारियों को बेच दी गई। पहले कमीशन खाया गया था, फिर पूरी की पूरी कीमत ही गटक ली गई। अब सारी की सारी प्याज मंडियों से गायब हो गई। या तो वो राज्य के बाहर वाले व्यापारियों के पास चली गई या फिर राज्य के जमाखारों के गोदाम में बंद कर दी गई। इधर दाम बढ़ते जा रहे हैं। 

शिवराज सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए सस्ती प्याज महंगी दरों पर खरीदी थी। सवाल यह है कि क्या अब वही सरकार आम जनता को राहत देने के लिए महंगी दरों पर प्याज खरीदकर 8 रुपए किलो में राशन की दुकान से बिकवाएगी। 

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