
सीताराम पंचाल ने स्लमडॉग मिलेनियर, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, जॉली एलएलबी, सारे जहां से महंगा, हल्ला बोल, बैंडिट क्वीन जैसी फिल्में भी की हैं. लेकिन अंतिम दिनों में वह आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. इस वजह से उन्होंने महंगा इलाज छोड़कर आयुर्वेद से अपना उपचार करने की कोशिश की थी.
पिछले साढ़े तीन सालों से बॉलीवुड के उनके कुछ दोस्त उन्हें मदद कर रहे थे. इनमें इरफान खान, पाचांल के एनएसडी बैचमेट संजय मिश्रा, रोहिताश गौड़, टीवी प्रोड्यूसर (एक घऱ बनाऊंगा) राकेश पासवान आदि शामिल हैं. ट्विटर पर फिल्म डायरेक्टर अश्विनी चौधरी जैसे कई लोग उनके सपोर्ट में आगे आए हैं.
बता दें कि पांचाल ने अश्विनी की डेब्यू हरियाणवी फिल्म लाडो में काम किया था जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला था. सीताराम पांचाल का जन्म हरियाणा के कैथल जिले के डूंडर हेड़ी गांव में 1963 में हुआ था. उन्होंने हरियाणवी फिल्म लाडो के अलावा छन्नो में भी काम किया.
पांचाल को स्कूल के दिनों से ही अभिनय पसंद था. ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में उनका सिलेक्शन हो गया था. उसके बाद से वे हिंदी फिल्मों में अलग अलग चरित्र भूमिकाओं में दिखते रहे हैं.पांचाल अपने घर में अकेले कमाने वाले थे. उनका 19 साल का एक बेटा है, जो अभी पढ़ाई कर रहा है.