
बरेली के शहर काजी मौलाना असजद खान ने शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'रविंद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान ब्रिटिश राजा जॉर्ज पंचन की प्रशंसा में लिखा था। इस्लाम के मुताबिक हमारा 'अधिनायक' अल्लाह है किंग जॉर्ज नहीं। हम राष्ट्रगान का अपमान नहीं करते हैं लेकिन अपनी धार्मिक भावनाओं के चलते इसे नहीं गा सकते। यहां तक कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने भी राष्ट्रगान पर आपत्ति जतायी थी।
जुलाई 2015 में सिंह ने राजस्थान विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह के दौरान कहा था कि टैगोर ने राष्ट्रगान में 'अधिनायक जय हे' लिखकर अंग्रेजी शासक की तारीफ की थी। उन्होंने सलाह दी थी कि इसे 'जन गण मन मंगल गाए' से बदल देना चाहिए।
खान ने कहा, 'शरिया के मुताबिक फोटोग्राफी और वीडियोग्रफी भी गैर-इस्लामिक है। वह हमें मदरसे में शरिया कानून की अवज्ञा करने को कह रहे हैं। उन्होंने मदरसों के संचालकों को कहा कि है कि वे राष्ट्रीय ध्वज फहराएं और सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान गाएं, मिठाइयां बांटें और स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान कुर्बान करने वाले सैनानियों को याद करें। पीलीभीत के शहर मुफ्ती मौलाना जरतब रजा खान चाहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में हस्तक्षेप कर इस ऑर्डर को रद्द करें। उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता है तो मुसलमानों के पास इसकी उपेक्षा करने के अलावा और दूसरा रास्ता नहीं बचेगा।
बता दें योगी सरकार ने 15 अगस्त के दिन राज्य के सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाने, तिरंगा लहराने और इनके समेत दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की ओर से 3 अगस्त को जिलों के अल्पसंख्यक अधिकारियों को भेजे पत्र में स्वतंत्रता दिवस पर इन कार्यक्रमों की समय सारणी भी तय की गई है।