प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी को मालिक ने करोड़ों की जालसाजी में फंसा दिया

बाराबंकी/उत्तरप्रदेश। वैमशी केमिकल कंपनी के मालिक ने अपने एक कर्मचारी को बिना बताए कई फर्जी कंपनियों में डायरेक्टर बना दिया और करोड़ों का फर्जी कारोबार कर डाला। अब सेबी ने कर्मचारी पर शिकंजा कस दिया है। वो यहां वहां अपनी बेगुनाही के सबूत पेश करता घूम रहा है। उसने मालिक, सेक्रेटरी समेत तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन आदि का केस दर्ज करवाया है।

लखनऊ जिले के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के सिसेंडी गांव निवासी दिलीप कुमार मिश्रा ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि बाराबंकी शहर कोतवाली के जहांगीराबाद मार्ग स्थित वैमशी केमिकल कंपनी में 16 जनवरी 2008 से लेकर 30 अप्रैल 2011 तक नौकरी की थी। 14 मई 2015 को डाक द्वारा सेबी आफिस लखनऊ से मिली नोटिस से पता चला कि वैमशी केमिकल कंपनी के मालिक पृथ्वीपाल सिंह सेठी द्वारा फर्जी तरीके से उन्हें फार्मास्यूटिकल्स स्पेशलिटीज कंपनी समेत आठ कंपनियों में एडिशनल डायरेक्टर की नियुक्त दिखाकर करोड़ों का गबन किया गया है।

दिलीप का कहना है कि वैमशी कंपनी में काम करने के दौरान वहां के मालिक ने मेरे हस्ताक्षर व बायोटाडा का गलत प्रयोग कर यह काम कर मुझे फंसाने की धमकी दी गई थी। पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर एसपी अनिल कुमार सिंह के आदेश पर मंगलवार रात कोतवाली शहर में वैमशी कंपनी के मालिक पृथ्वीपाल सिंह सेठी, न्यू हैदराबाद लखनऊ, अतुल चौधरी रुचि खंड प्रथम, शारदानगर कालोनी लखनऊ व दिलीप कुमार दीक्षित कंपनी सेक्रेटरी मेंबर के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

निक्सिल फार्मास्यूटिकल्स स्पेशलिटीज (वर्तमान में हीवोरो फार्मास्यूटीकल्स लिमिटेड कानपुर), टोगो रिटेल मार्केट लिमिटेडमिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स दिल्ली, जैग पालीमर्स लिमिटेडकानपुर, ग्रीनटेक रिसर्च केम प्राइवेट लिमिटेड मुंबई, पेट्रोन शुगर एंड डिस्टीलरीज मुंबई, पेट्रान इंटरनेशनल इंडिया लिमिटेड, सिग्मा इन्फ्रा डेलवलेपर्स कानपुर, ई-फायर फ्लेम फूड एंड बेवरेजज प्राइवेट लिमिटेड में फर्जी डायरेक्टर व एडिशनल डायरेक्टर बनाने का आरोप है।

शहर में जहांगीराबाद मार्ग स्थित वैमशी कंपनी में मेंथा आयल से क्रिस्टल नाम का दाना बनाया जाता था। यह दाना विभिन्न प्रकार की दवाइयों, कास्मेटिक के सामान आदि में प्रयोग किया जाता है। यहां बनने वाले मेंथा दाना को यहां से एक्सपोर्ट कर देश के तमाम जगहों के साथ ही विदेशों में भी भेजा जाता था। करोड़ों का कारोबार करने वाली इस कंपनी में इस समय कोई काम नहीं हो रहा है कंपनी पूरी तरह से बंद है।

वैमशी कंपनी के कर्मचारी दिलीप को फर्जी तरीके से अन्य कंपनियों का डायरेक्टर बनाने के मामले का पता चलने के बाद लगातार भागदौड़ करनी पड़ रही है। इनको लखनऊ, मुंबई, छत्तीसगढ़ से सेबी की नोटिस मिल चुकी है। इसमें अभी तक यह एक बार छत्तीसगढ़ में सेबी कार्यालय में पेश हुए है और अगामी 24 अगस्त को मुुंबई में लगी डेट पर सेबी कार्यालय पेश होने के लिए गए है। दिलीप ने बताया कि इसके अलावा त्रिपुरा से एसआईटी की एक नोटिस आई थी लेकिन वहां बिना गए ही इसका जवाब दाखिल कर दिया गया था।

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