मंत्री सुषमा स्वराज के क्षेत्र में ऐसे लाते ले जाते हैं मरीजों को

भोपाल। यूं तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज काफी संवेदनशील हैं। एक अपराधी की मदद इसलिए की क्योंकि उसकी पत्नी बीमार थी। एक बीमार पाकिस्तानी को फटाफट वीजा जारी किया, कई मरीजों को एयर लिफ्ट कराया है परंतु अपने संसदीय क्षेत्र के मामले में सुषमा स्वराज का चेहरा बदल जाता है। रायसेन के ग्रामीण इलाकों में ऐंबुलेंस नहीं जातीं, क्योंकि वहां सड़कें ही नहीं हैं। मरीजों को इस तरह खटिया पर लादकर लाया जाता है परंतु सुषमा स्वराज इनकी समस्याओं के लिए कुछ नहीं करतीं। शायद यहां लोगों की मदद करने से मामला नेशनल मीडिया की सुर्खियां नहीं बनेगा। 

ये पूरा मामला है विदिशा लोकसभा सीट के रायसेन जिले में बेगमगंज तहसील के चेनपुरा गांव का। जहां सड़कें नहीं होने के कारण रहवासियों को बारिश के मौसम में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्कूल के बच्चों को कीचड़ के रास्ते से ही स्कूल जाना पड़ता है। कोई बीमार हो जाए, तो गांव वाले उसे खटिया में लिटाकर अस्पताल ले जाते है। क्योंकि यहां कोई एंबुलेन्स नहीं आ सकती।

बतादें कि यहां मरीजों के साथ गर्भवती महिलाओं को भी डिलीवरी के लिए कभी-कभी खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि रोड नहीं होने से उन्हें खेत के रास्ते से जैसे-तैसे निकलना पड़ता है। गांव के लोगों के लिए 108 सेवाएं महज एक सपना ही रह गया है। यहां कि सड़के दलदल भरी सड़के बन गई है।

लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र में रोड नहीं होने के कारण ग्रामीण आए दिन परेशान होते है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर कलेक्टर तक सभी को समस्या से अवगत कराया। लेकिन परेशानियां है जो कि जस के तस बनी हुई है।

कौन लेगा परेशान ग्रामीणों की सुध
यहां बच्चे कीचड़ में गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। मरीजों के साथ गर्भवती महिलाओं को भी डिलीवरी के लिए कभी-कभी खाट पर लिटाकर ले जाया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार समस्या को लेकर आवेदन भी दिए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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