
जयभान सिंह पवैया ने दावा किया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को अब अपनी ठौर तलाशनी होगी। क्योंकि वह कफन ओढ़ने तक सामंतवाद और इस्लामिक आंतकवाद के खिलाफ लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके मरने के बाद भी यह लड़ाई जारी रहेगी।
दरअसल, मध्य प्रदेश में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के बाद सूबे के मंत्रियों में हंडकंप मचा हुआ है, तो वही कुछ मंत्रियों और नेताओं को बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ को घेरने के लिए लगा दिया है। सिंधिया विरोध का अवसर पवैया के लिए तो संजीवनी है। उनकी राजनीति ही सिंधिया विरोध से शुरू होती है। उनकी पहचान भी सिर्फ सिंधिया विरोध ही है।
पवैया ने कहा कि वह सिंधिया घराने के इतिहास और उनके चरित्र को समझते हैं। ये मैदान में कभी सिद्धांतों की लड़ाई नहीं लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि वह 1998 से सिंधिया के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। वह हमेशा से अपने क्षेत्र में घूमते रहे हैं और इस बार निश्चित तौर पर ज्योतिरादित्य को बुरी परायज देखना होगा।