डेरा बाबा गुरमीत सिंह को साध्वियों के साथ रेप का दोषी प्रमाणित पाया गया है। आसाराम बापू के नाम से प्रसिद्ध आसूमल के ऊपर भी ऐसे ही आरोप है। वहां भी भक्त परिवारों की बेटियां शिकार हुईं, यहां भी ऐसी ही कुछ कहानी है। वहां भी एक साधू खुद को भगवान बताता था यहां भी कुछ ऐसा ही है। इन सबके बीच एक और बात यह है। वह यह कि रेप के मामलों में आसाराम सिर्फ हमलावरों को ही दोषी नहीं मानते बल्कि पीड़िताओं को भी बराबर का दोषी मानते हैं। वो नहीं चाहते कि बलात्कारियों को कड़ा दंड दिया जाए।
आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की से रेप का आरोप है। यह मामला 2013 का है। उन पर कई और भी मामले दर्ज हैं। कहा जाता है कि आसाराम आशीर्वाद देने के बहाने लड़कियों से छेड़छाड़ और यौन शोषण करते थे। रेप के मामलों में आसाराम का एक बयान ऐसा है जो आपको उनके बाबा होने पर शंका में डाल देगा। ये बयान उन्होंने दिल्ली में 16 दिसम्बर को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद दिया था। यह वो वक्त था जब सारा देश सड़कों पर उतर आया था। बलात्कारियों को सजा ए मौत देने की मांग उठी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसाराम बापू ने कहा था कि केवल पांच-छह लोग ही अपराधी नहीं हैं। बलात्कार की शिकार हुई बिटिया भी उतनी ही दोषी है जितने कि बलात्कारी। आसाराम ने कहा था, ''वह अपराधियों को भाई कहकर पुकार सकती थी। इससे उसकी इज्जत और जान भी बच सकती थी। क्या ताली एक हाथ से बज सकती है, मुझे तो ऐसा नहीं लगता'।
इससे भी ज्यादा हैरानी का बयान वो था जब आसाराम ने कहा था कि वे बलात्कारियों के लिए कड़े दंड के विरुद्ध हैं क्योंकि इस कानून का दुरुपयोग भी हो सकता है। बकौल आसाराम, 'हमने अक्सर देखा है ऐसे कानूनों का दुरुपयोग हुआ। दहेज संबंधी कानून इसका सबसे बड़ा उदाहरण है'।