अनुकंपा नियुक्ति ले ली, बंटवारे में जमीन भी ले ली और मां को लावारिस छोड़ दिया

भोपाल। नगर निगम के एक कर्मचारी अमितोज सिंह ठाकुर पर आरोप है कि उसने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनके स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति ले ली, फिर बंटवारे में 15 एकड़ जमीन भी हथियार ली और इसके बाद मां को तड़प तड़पकर मरने के लिए अकेला छोड़ दिया। नियमानुसार यदि कोई कर्मचारी परिवार का भरण-पोषण नहीं करता तो उसकी अनुकंपा नियुक्ति रद्द कर दी जाए। नियम यह भी है कि यदि अभ्यर्थी को बंटवारे में 10 एकड़ से ज्यादा जमीन प्राप्त होती है तो वो अनुकंपा नियुक्ति का अधिकारी नहीं होगा। अमितोज इन दोनों ही मामलों में दोषी पाया जा रहा है। 

अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाली मालती ठाकुर ने एक शिकायती आवेदन परिषद अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान और अपर आयुक्त वीके चतुर्वेदी को दिया है। साथ ही 75 प्रतिशत तनख्वाह देने की मांग भी की है। शिकायत में बताया है कि 'मेरे पति घनश्याम सिंह ठाकुर का 16 साल पहले निधन हो गया। उस समय छोटे बेटे अमितोज को उनकी जगह पर नगर निगम में वार्ड प्रभारी की नौकरी मिल गई। बेटे ने कुछ समय तो मुझे साथ रखा, बाद में अलग रहने लगा। अब वह मेरा ख्याल भी नहीं रखता। मेरी उम्र 80 साल है। खुद के इलाज पर भी मुझ पर दो लाख रुपए का कर्ज हो गया है।' 

मालती के आवेदन के बाद निगम ने लोकायुक्त केस में निलंबित चल रहे अमितोज की बहाली पर रोक लगा दी है। अमितोज को जिला कोर्ट ने बरी कर दिया है, उसने बहाली के लिए आवेदन भी दे रखा है। मालती ने बताया कि निलंबन की अवधि में भी उसे 18 हजार रुपए से अधिक तनख्वाह मिल रही है। उन्होंने बताया कि मेरा हार्ट का ऑपरेशन होना है। दोनों आंखों में मोतियाबिंद है। इलाज के लिए जब भी पैसे मांगती हूं अमितोज और उसकी पत्नी मुझे परेशान करते हैं।

यह है नियम
अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदक को यह शपथ पत्र देना होता है कि वह परिवार के सदस्यों का भरण-पोषण करेगा। शपथ पत्र में यह लिखा था यदि यह प्रमाणित हो जाए कि मेरे द्वारा परिवार के सदस्यों की अनदेखी की जा रही है या सही ढंग से भरण-पोषण नहीं किया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में निगम को अधिकार होगा कि वह मेरी सेवाएं समाप्त कर दे। 

15 एकड़ से अधिक जमीन 
कुरवाई तहसील के गंभीरिया में अमितोज के नाम 15 एकड़ से अधिक जमीन है। यह उसे बंटवारे में मिली थी। नियम यह भी है कि मृतक कर्मचारी के परिवार या उसके किसी भी सदस्य के पास 5 एकड़ सिंचित या 10 एकड़ असिंचित भूमि होने पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलती।

मां को साथ रखने के लिए तैयार हूं
बहाली होने पर जैसे ही मुझे रकम मिलेगी, मैं मां का इलाज भी करा दूंगा। पुश्तैनी जमीन के बारे में मुझे नौकरी में आने से पहले जानकारी नहीं थी।
अमितोज सिंह ठाकुर

वेतन का भुगतान रोक लें
अधिकारियों से कहा है कि वे अमितोज को मिल रही 75 फीसदी वेतन का भुगतान रोक दें। बेटे को मां का ख्याल तो रखना ही पड़ेगा। 
सुरजीत सिंह चौहान, परिषद अध्यक्ष

मां का ख्याल तो रखना होगा
बुजुर्ग और परेशान महिला मेरे पास आईं थीं। उनके आवेदन पर हमने अमितोष की बहाली पर रोक लगा दी है। बहाली होते ही उसे तीन साल की 25 प्रतिशत रुकी हुई तनख्वाह मिल जाएगी। अमितोष को चेतावनी दी है कि वह मां का ध्यान रखे। सुधार नहीं हुआ तो हम बर्खास्तगी की कार्रवाई करेंगे। 
वीके चतुर्वेदी, अपर आयुक्त, नगर निगम
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!