
हाई कोर्ट ने कहा कि वैकल्पिक कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल पहले किया जाए और यदि वहां से इंसाफ नहींं मिलता हो तभी हाई कोर्ट का रुख किया जाए। लेकिन, लगता है कि याची जनहित याचिका दाखिल कर हीरो बनने की कोशिश कर रहा है।
इस पर याची के वकील ने कहा कि वह रोहतक में वकील है और सामाजिक काम करता है। कोर्ट ने पूछा कि क्या एक वकील को यह नहीं पता कि जनहित याचिका दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट के अनुसार क्या नियम हैं। अगर वकील ही हीरो बनने के लिए अनावश्यक जनहित याचिका दायर करेंगे तो क्या किया जा सकता है।
बेंच ने कहा कि जनहित याचिका को ब्लैकमेल का माध्यम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पीआइएल माफिया सक्रिय हो रहा है और ऐसे में न्यायपालिका को इस प्रकार की दूषित याचिकाओं से बचाना हमारी जिम्मेदारी बन गई है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जनहित याचिका के माध्यम से समाज की सेवा करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इसके लिए पहले अपने स्तर पर भी समाज के लिए कोई कदम उठाया जाए। हाई कोर्ट में आधारहीन याचिका न दायर की जाए।