जब भाजपा में फार्मूला 75 एप्लिकेबल ही नहीं है तो गौर और सरताज को क्यों हटाया गया

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीते रोज क्लीयर कर दिया है कि भाजपा में फार्मूला 75 नाम की कोई चीज ही नहीं है। यदि कोई नेता जीतने योग्य है तो वो 95 की उम्र में भी चुनाव लड़ सकता है। अब सवाल यह है कि मध्यप्रदेश में फार्मूला 75 के नाम पर बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को क्यों हटाया गया। ये किसकी साजिश थी और इसमें भाजपा के कितने नेता शामिल हैं। 

गृहमंत्री के पद से अचानक बेदखल किए गए बाबूलाल गौर का कहना है कि उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने फॉर्मूले की जानकारी दी थी। जिसके तहत उन्होंने इस्तीफा दिया था। जबकि सरताज सिंह बोले कि अब भ्रम दूर हो गया है। वैसे तो केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने भोपाल प्रवास के दौरान बयान दिया था कि पार्टी ने 75 साल पार का कोई फार्मूला लागू नहीं किया है। इसके बाद इस अटकलों का दौर शुरु हो गया था कि केवल मप्र में केवल दो नेताओं को हटाने के लिए इसे लागू किया गया है, लेकिन अब शाह ने इसकी पुष्टि कर दी है कि पार्टी में एेसा कोई नियम नहीं है। 

बता दें कि पिछली दफा मंत्रीमंडल विस्तार से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान अचानक बाबूलाल गौर के निवास पर पहुंचे और उन्होंने फार्मूला 75 की जानकारी देते हुए इस्तीफे की मांग की। ऐसा ही सरताज सिंह के साथ भी हुआ। दोनों ने इंकार किया तो उनकी बात दिल्ली कराई गई। दिल्ली से पुष्टि होने के बाद दोनों नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा था कि 2018 के चुनाव में भी 75 प्लस नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा परंतु अमित शाह के बयान के बाद स्पष्ट हो गया कि बाबूलाल गौर और सरताज सिंह और समकक्ष नेता भी चुनाव लड़ सकते हैं। 
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