
पत्रकार राजीव रंजन श्रीवास्तव के साथ साक्षात्कार में उन्होंने 'मन की बात' प्रकट की है। कांग्रेस से इस्तीफा देने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस जन्म में वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। साथ ही यह भी बताया कि फिलहाल उनका राजनीति से मोहभंग हो गया है। वो धार्मिक अवकाश पर जाना चाहते हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली की राजनीति से दूर वह नर्मदा की परिक्रमा करना चाहते हैं, इसमें चार से पांच माह तक का समय लग सकता है। यह पूरा कार्यक्रम उनका निजी और पारिवारिक होगा और कोई राजनीतिक नहीं होगी। इसके लिए उन्होंने एआईसीसी के सभी पदों से खुद को अलग करने का आवेदन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौँप दिया है। आवेदन में उन्होंने 30 अप्रैल तक की छुट्टी मांगी है।
मप्र में 2019 के चुनाव में दखल नहीं दूंगा
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 1980 से लेकर 2003 तक उन्होंने मध्य प्रदेश में राजनीति की इस दौरान वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, मंत्री एवं दस वर्ष तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। बाद में उन्होंने नए लोगों को मौका देने के लिए प्रदेश की राजनीति से दूरी बनाई। 2019 के चुनाव में प्रदेश कांग्रेस का चेहरा बनने की संभावना से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार नए लोगों को मौका देने का समय है।
गोवा में रात 2 बजे तक हम पॉवर में थे, सुबह सब खाली हो गया
गोवा में सरकार न बनाने को उन्होंने अपनी रणनीतिक विफलता मानने से इनकार करते हुए कहा, यदि गोव में उनकी रणनीति गलत थी तो मणिपुर में क्या हुआ था, वहां तो 15-20 साल से कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्री भी अपना ही था सबसे बड़ी पार्टी भी कांग्रेस थी फिर भी सरकार भाजपा ने बना ली। गोवा में तो हम विपक्ष में थे। उन्होंने कहा, 11 मार्च को चुनाव परिणाम में गोवा में कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी, एक एनसीपी व तीन निर्दलीय विधायकों के सहारे हम बहुमत साबित कर सकते थे विजय सरदेसाई की पार्टी ने भी समर्थन का भरोसा दिया था। रात को दो बजे तक हम सरकार बनाने की स्थिति थे लेकिन इसके बाद केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता नितिन गडकरी ने अपना थैला खोल दिया और सुबह कांग्रेस के कैम्प में कुछ भी नही था।
हम सबको रिटायर कर दिया जाना चाहिए
कांग्रेस में लगातार घटते अपने कद पर उन्होंने कहा, राहुल गांधी भविष्य कांग्रेस का चेहरा है और वह अपनी टीम बना रहे हैं। इसके लिए जरूरी है वरिष्ठ लोग स्थान खाली करें। इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी को राह भी दी कि वह मुझे एवं मेरे समकक्ष वरिष्ठ लोगों को सेवानिवृत्त कर अपनी टीम का गठन करें।
राहुल गांधी से नाराज हैं दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह को एक समय में राहुल गांधी का राजनीतिक गुरू कहा गया था लेकिन अब शायद वो राहुल गांधी की नीतियों से नाराज हैं। अपने इंटरव्यू में उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह स्पष्ट करता है कि वो ना केवल राहुल गांधी से नाराज हैं बल्कि कांग्रेस का भविष्य भी देख पा रहे हैं। उन्हे समझ आ गया है कि कांग्रेस में अब वरिष्ठ नेताओं के लिए कोई स्थान व सम्मान नहीं रह गया है अत: वो चाहते हैं कि उन्हे व उनके समकक्षों को सम्मान सहित रिटायर कर दिया जाए।