मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तिरंगा यात्रा: 2 एंबुलेंस फंसी, रास्ता नहीं दिया

सर्वेश त्यागी/ग्वालियर। तिरंगा यात्रा के नाम पर अपनी ताकत दिखाने सड़कों पर उतरे केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शहर को ना केवल अपने समर्थकों की संख्या दिखाई बल्कि यह भी जता दिया कि वो नियमों से ऊपर हैं और पुलिस मौजूद होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। तिरंगा यात्रा के दौरान 2 बार ऐंबुलेंस भीड़ में फंसी। तोमर की तिरंगा यात्रा में उन्हे रास्ता नहीं दिया गया। बिना हेलमेट अस्पताल जाने वाले लोगों को का चालान बनाने वाली पुलिस तोमर की तिरंगा यात्रा में मूकदर्शक बनी रही और हेलमेट समेत यातायात नियमों व हाईकोर्ट की गाइडलाइन की की धज्जियां उड़ा दी गईं। 

स्वन्त्रता दिवस के पूर्व भाजपा द्वारा तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया, इसका शुभारम्भ कटोराताल पर स्तिथ वीर सावरकर की प्रतिमा स्थल से हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर से सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर थे। मंच पर केंद्रीय मंत्री के अलावा विधायक नारायण सिंह कुशवाह, महापौर विवेक शेजवलकर, साड़ा अध्यक्ष राकेश जादोंन, जीडीए अध्यक्ष अभय चौधरी, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वेदप्रकाश शर्मा, जिला महामंत्रीगण कमल मखिजानी, शरद गौतम ओर महेश उमरेया सम्भागीय मीडिया प्रभारी सुबोध दुबे, सोनू, मंगल और विवेक तोमर आदि नेता मौजूद थे। इस दौरान अलग अलग मोर्चे सैकड़ों बाइकर्स मौजूद थे।

मंत्री बनने के बाद संभवतः पहली बार केंद्रीय मंत्री तोमर तिरंगा यात्रा के दौरान खुली गाड़ी में खड़े होकर शहर में निकले, इस दौरान यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई गई। मंत्री जिस खुली जीप पर सवार थे उसके आगे पीछे चल रहे बाइकर्स सिर्फ तीन बाइकर्स हेलमेट पहने नजर आए बाकी सभी बिना हेलमेट और एक बाइक ओर तीन लोग सवार थे, एक दो बाइक पर तो चार लोग भी सवार थे, और जोर जोर से चिल्लाते हुए जा रहे थे जिससे राहगिरों को काफी परेशानी हो रही थी। पुलिस असहय नज़र आ रही थी क्योकि जब तिरंगा के दौरान जयारोग्य अस्पताल की ओर जा रही दो एंबुलेंस को करीब 10 मिनट से भी ज्यादा देर तक रास्ता नही दिया और पुलिस मूकदर्शक बन देखती रही।

तिरंगा यात्रा के दौरान आंखों में डर, चहरे पर गुस्सा ओर बेबसी लिए दोपहिया वाहन पर महिलाए ओर लड़कियां असहज महसूस कर रही थी और सुरक्षित रास्ता तलाशती रही, यात्रा के दौरान कुछ बाइकर्स लड़कियों पर कमेंट भी दे रहे थे। इस तरह का नज़ारा शाम 4 बजे से लेकर 7 बजे तक कटोराताल मार्ग से इंदरगंज, पाटनकर चौराह पर देखने को मिला।

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