WWC: भारत की लाड़ली 11 ने लेडी कंगारुओं को धो डाला

नई दिल्ली। अब आप इसे भारत की महिला क्रिकेट टीम कहने के बजाए 'लाड़ली 11' कहें तो ज्यादा ठीक होगा। सारा देश इन बेटियों पर गर्व महसूस कर रहा है। जादूई खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत की महिला क्रिकेट टीम ने ना केवल वर्ल्डकप के फाइनल में प्रवेश कर लिया बल्कि इस बीच कई रिकॉर्ड भी बना लिए। आॅस्ट्रेलिया की दमदार लेडी कंगारुओं की भारत की लाड़लियों ने इस कदर धुलाई की कि ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 41वें ओवर में 245 रन पर ढेर हो गई। लोग इस टीम को 'डिफेंडिंग चैंपियन' कहते हैं परंतु भारत की 'इत्तीसी' हरमनप्रीत कौर ने 171 रन बटोर कर पूरे आॅस्ट्रेलिया के माथे पर पसीने ला दिए। 

शुरुआत अच्छी नहीं रही। पारी के दूसरे ओवर में ही शिखा पांडे ने टीम को पहली सफलता दिला दी। मूनी 1 रन बनाकर बोल्ड हो गईं। पांचवें ओवर में झूलन गोस्वामी ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका दिया। झूलन ने कंगारू कप्तान मेग लेनिंग को खाता खोले बगैर पवेलियन भेज दिया। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए एलिस पैरी ने बोल्टन के साथ पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन बोल्टन दीप्ति शर्मा की गेंज पर फॉलो थ्रू में कैच दे बैठीं। तीन विकेट गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए पैरी और विलानी ने चौथे विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया की मैच में वापसी करा दी। लेकिन विलानी 75 रन पर गायकवाड़ की गेंद पर मंधाना को बाउंड्री पर कैच दे बैठीं। 

विलानी के आउट होने के बाद टीम इंडिया के गेंदबाजों ने विकेटों की झड़ी लगा दी। उपकप्तान ब्लैकवेल ने अंत तक संघर्ष करते हुए अर्धशतक जड़ा लेकिन अपनी टीम को फाइनल में नहीं पहुंचा सकीं। ब्लैकवेल ने 56 गेंद में 90 रन की शानदार पारी खेली। भारत की ओर से झूलन गोस्वामी ने, शिखा पांडे और दीप्ति शर्मा ने 2-2 विकेट हासिल किए। वहीं गायकवाड़ और पूनम यादव ने 1-1 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को पवेलियन वापस भेजा। 

इससे पहले टीम इंडिया ने हरमनप्रीत कौर के धुआंधार शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के सामने 42 ओवर में जीत के लिए 282 रन का लक्ष्य रखा है। वर्षा के कारण मैच देरी से शुरु हुआ। एक बार डर्बी के मैदान पर आसमानी बारिश रुकी तो रनों की बरसात शुरू हो गई। भारत की खराब शुरुआत रही। पहले ही ओवर में टीम इंडिया ने स्मृति मंधाना के रूप में अपना पहला विकेट गंवा दिया। वह केवल 6 रन बना सकीं। इसके बाद दसवें ओवर में पूनम राउत के रूप में टीम इंडिया को दूसरा झटका लगा। 9.2 ओवर में 35 रन पर दो विकेट गंवाने के बाद टीम इंडिया की कमान कप्तान मिताली राज और हरमनप्रीत कौर ने संभाला। दोनों ने अर्धशतकीय साझेदारी कर टीम को 100 रन के पार पहुंचाया लेकिन 36 रन बनाने के बाद कप्तान मिताली बोल्ड हो गईं। इसके बाद टीम का सारा जिम्मा हरमनप्रीत के कंधों पर आ गया।

इसके बाद डर्बी के मैदान पर जो हुआ वो किसी करिश्मे से कम नहीं था। हरमनप्रीत ने पहले 64 गेंद पर अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने गियर बदला।  हरमनप्रीत ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 90 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। इसके बाद 107 गेंद में 150 रन पूरे किए। कौर ने अपनी आतिशी पारी में 20 चौके और सात गगनचुंबी छक्के जड़े। अंत में वह 115 गेंद में 171 रन बनाकर नाबाद रहीं। दीप्ति शर्मा ने उनका बीच में अच्छा साथ दिया। दीप्ति ने 25 रन बनाए। अंत में कृष्णामूर्ति 16 रन बनाकर नाबाद रहीं। 
हरमनप्रीत ने अपनी आतिशी पारी की बदौलत टीम इंडिया को दूसरी बार महिला विश्वकप के फाइनल के करीब पहुंचा दिया है। अब गेंदबाजों की बारी है। यदि टीम इंडिया कें गेंदबाज कमाल दिखाते हैं तो रविवार को टीम इंडिया का क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल का टिकट पक्का हो जाएगा। 

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