RDU: मार्कशीट के बदले छात्रा के यौन शोषण की कोशिश

जबलपुर। रानी दुर्गावति यूनिवर्सिटी में एक कर्मचारी द्वारा मार्कशीट के बदले छात्रा के यौन शोषण की शिकायत पर जांच कमेटी में बयान कमलबद्ध किए। अपने बयान में छात्रा ने खुलकर बताया कि कर्मचारी ने यौन शोषण करने के इरादे से उसका मार्कशीट को रोका और शर्त रखी कि मार्कशीट चाहिए तो शाम को अकेले में आओ। छात्रा जब पहुंची तो कर्मचारी ने यौन शोषण करने की कोशिश की परंतु वहां पहले से छुपा उसका भाई आ धमका और कर्मचारी भाग गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन अब भी कर्मचारी को बचाने की कोशिश कर रहा है। 

पीड़ित छात्रा ने बयान ने कहा कि कर्मचारी ने उसे अंकसूची लेने शाम को भारतीय प्राचीन इतिहास विभाग में बुलाया। वह उसके इरादे भांप गई थी, इसलिए भाई को लेकर पहुंची। कर्मचारी ने हाथ पकड़ा तो शोर मचाने के कारण कुछ ही देर में उसका भाई, साथियों के साथ पहुंचा। यह देख कर्मचारी वहां से भाग खड़ा हुआ। लॉ डिपार्टमेंट के भीतर कमेटी ने भी शिकायत के हर पहलू पर छात्रा से बातचीत की। पूरे बयान की वीडियोग्रॉफी हुई ताकि प्रमाण बना रहे। छात्रा के साथ उसका भाई भी पहुंचा, लेकिन वह कमेटी के सामने नहीं गया।

पुलिस प्रक्रिया के डर से नहीं की रिपोर्ट
पीड़िता के भाई ने 27 जून की घटना की शिकायत 30 जून को यूनिवर्सिटी प्रशासन को देने पर कहा कि पुलिस के झंझट में उन्हें खुद परेशान होना पड़ता। आर्थिक तंगी है। ऐसे में बयान और जांच के लिए आने-जाने का खर्च बढ़ता। इसलिए सिर्फ यूनिवर्सिटी में शिकायत दी। कमेटी 4 जुलाई को ही बुला रही थी, लेकिन पैसे नहीं होने के कारण आ नहीं पाए। युवक के मुताबिक घटना के दिन वह दोपहर में ही बरघाट से आया था। कर्मचारी ने बहन को अंकसूची लेने के लिए शाम 4.30 बजे आने को कहा। अकेले आने को कहा था, इसलिए सतर्कता बरती। वो मोबाइल पर मुझसे संपर्क बनाकर इतिहास विभाग गई। कमरे में अकेले पाकर कर्मचारी ने उसका हाथ पकड़कर जबर्दस्ती की कोशिश की। इस दौरान बहन चीखी तो मैं विभाग की ओर दौड़ पड़ा। कर्मचारी को दूर से किसी के आने का एहसास हुआ तो अंकसूची फेंककर जाने को कहने लगा। उसके भाई और कुछ अन्य छात्र ने कर्मचारी को प्रशासनिक कार्यालय में साथ चलने को कहा। लेकिन कर्मचारी भाग गया।

तीन साल से रोक रखी थी मार्कशीट
पीड़िता के मुताबिक वह बीए की परीक्षा में कर्मचारी के संपर्क में आई। छात्रा का बीए सेकेंड सेमेस्टर का रिजल्ट रुका था। जिसकी अंकसूची बनवाने के लिए लगातार कर्मचारी उसे जबलपुर बुलाता था। अंकसूची बनवाने के लिए आखिरकार 27 जून को भाई के साथ यूनिवर्सिटी पहुंची।

कर्मचारी के बचाव में एचओडी
जिस वक्त की घटना बताई गई, मैं उस दौरान आईक्यूएसी की बैठक में था। मैंने घटना के दूसरे दिन कर्मचारियों से बातचीत की। किसी को कुछ भी इस बारे में नहीं पता। कर्मचारी श्याम अधिकार पिछले 8 माह से यहां पदस्थ है। उसका चरित्र कहीं से संदेहास्पद नहीं लगा। वह घटना के दिन से विभाग में नहीं आ रहा है।
डॉ.एसएन मिश्र, विभागाध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास यूटीडी

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