
वित्त मंत्रालय ने बताया है कि सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज (सीजीएसटी) नियम 2017 के मुताबिक पुराना सामान या वस्तु की प्रकृति में बदलाव नहीं करने वाले कुछ प्रसंस्करण जिनके लिए इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईसीटी) नहीं दिया जाएगा। इनके केवल सामान के परचेस प्राइस और सेलिंग प्राइस के बीच के अंतर पर जीएसटी लगाया जाएगा। अगर सेलिंग प्राइज परचेज प्राइस से कम है तो इस स्थिति में इसे नजर अंदाज किया जा सकता है।
सालाना 75 लाख रुपये तक का कारोबार करने वालों को भी GSTN पर कंपोजिशन स्कीम सालाना 75 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे करदाता जीएसटी पोर्टल पर भी कंपोजीशन स्कीम का लाभ ले सकते हैं। इससे उन्हें दूसरे कारोबारों की तरफ से दर्ज मासिक रिटर्न के मुकाबले तीन महीने में एक बार रिटर्न दाखिल करने की अनुमति मिल जाएगी। सरकार की यह योजना छोटे करदाताओं के लिए अनुपालन के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। स्कीम के तहत व्यापारियों के लिए कर की दर एक फीसद होगी। मैन्यूफैक्चर्स को दो फीसद टैक्स चुकाना होगा। रेस्तरां पर इस योजना के तहत पांच फीसद टैक्स लगेगा।