करोड़ों की प्रॉपर्टी का मालिक है पंजाब का DON, क्रांति के लिए भगत सिंह का रास्ता चुना

जोधपुर/अजमेर। राजस्थान की एकमात्र हाई सिक्युरिटी वाली घूघरा घाटी जेल में कैद पंजाब का डॉन लॉरेंस विश्नोई जेल से बैठकर अपना पूरा गिरोह आॅपरेट कर रहा है। वो विदेशी सिमकार्ड से वाट्सएप के जरिए लोगों से संपर्क करता है। उसके पास 7 करोड़ से ज्यादा मूल्य की पैतृक प्रॉपर्टी है फिर भी वो कई अपराधों में सूचीबद्ध है। उसका मानना है कि वो समाजसेवा कर रहा है। रास्ता बिल्कुल वैसा ही है जो शहीद भगत सिंह या दूसरे क्रांतिकारियों का था। 

घूघरी काटी जेल में बंद पंजाब के गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई 4जी सिम का इस्तेमाल कर अपनी गैंग ऑपरेट कर रहा है। लॉरेंस पर जोधपुर की एक ट्रैवल्स एजेंसी के मालिक और डॉक्टर के घर फायरिंग करने का आरोप है। आनंदपाल की तरह ही गैंगस्टर लॉरेंस के अच्छे-खासे समर्थक हैं। उसके पास करीब 7.20 करोड़ रुपए की पुश्तैनी जमीन है, लेकिन शान-ओ-शौकत से रहना उसे अपराध की दुनिया में खींच लाया। 

सोपू नामक संगठन का संचालक 
लॉरेंस विश्नोई स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) नामक संगठन का कर्ताधर्ता है। वो डिफरेंट स्टाइल में समाजसेवा करने का दावा करता है। पंजाब और हरियाणा की सबसे खतरनाक गैंगों में से एक का लीडर लॉरेंस है और अपनी गैंग का संचालन अमूमन जेल से ही करता है। उसके पास महंगी पिस्तौल और बंदूकों का जखीरा भी है। दस साल पहले कॉलेज में दो बार हवाई फायरिंग करके वो अपना रुतबा कायम कर चुका है।फेसबुक प्रोफाइल की तस्वीरों से मालूम पड़ता है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई भगत सिंह समेत कई महान क्रांतिकारियों को अपना आदर्श मानता है। लॉरेंस जेल में अमूमन विदेशी सिम काम में लेकर सारे संदेश वॉट्सऐप के जरिये भेजता है।

पुलिस ने जेल में
पंजाब-हरियाणा के गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई ने बीते 17 मार्च को जोधपुर में रहने वाले श्रीराम अस्पताल के डॉ.सुनील चांडक और जैन ट्रैवल्स के मनीष जैन के घर अपने लोकल गुर्गों को भेजकर फायरिंग करवाई थी। पंजाब के दुत्तारावाली अबोहर के रहने वाले लॉरेंस पुत्र लविंद्र कुमार को फरीदकोट जेल से प्रोडक्शन वारंट पर जोधपुर लाया गया था।

आनंदपाल जितना ही खतरनाक है
आनंदपाल पेशी पर जाते समय पुलिस की हिरासत से फरार हुआ था। ठीक वैसे ही लॉरेंस पंजाब में पुलिस हिरासत से फरार हुए थे। जोधपुर में फायरिंग की वारदातों में गैंगस्टर लॉरेंस का हाथ होने के कारण कमिश्नर ने जेल डीजी को पत्र लिख उसे अजमेर की घूघरा घाटी जेल भिजवाया था। वह 23 जून को हाई सिक्युरिटी वाली जेल में पहुंचा और दो दिन बाद ही उसके पास दो सिम पहुंच गए। आनंदपाल का एनकाउंटर 24 जून की रात हुआ था और उसके भाई मंजीत को भी इसी जेल में रखा हुआ था। तब से यह जेल हाई अलर्ट पर थी, लेकिन लॉरेंस अपने गुर्गों से 6 जुलाई तक लगातार बातें कर रहा था।

जेल की खासियत
अजमेर की घूघरा जेल कुख्यात अपराधियों की काल कोठरी है। मोस्ट वांटेड आनंदपाल भी इसी जेल से दुखी हो पेशी पर जाते समय भागा था। राजस्थान के चर्चित भंवरी हत्या के मुख्य आरोपी विशनाराम मांगीलाल नोखड़ा भी यहीं हैं। लॉरेंस भी यहीं कैद है। छोटी-सी कोठरी में पैर पसार कर सोना भी मुश्किल होता है।

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