जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन की निर्धारित नीति के विरुद्घ राजस्व निरीक्षक का तबादला अनुचित पाते हुए रोक लगा दी। न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि नियमानुसार राज्यस्तरीय कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों को 4 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने से पूर्व स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद ऐसा किया गया। लिहाजा, याचिकाकर्ता की शिकायत दूर की जाए। इस बीच उसे मौजूदा जगह कार्य करने दिया जाए।
याचिकाकर्ता अनूपपुर निवासी मनोज कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता मनोज कुशवाहा और अखिलेश सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि उपायुक्त ग्वालियर ने मनमाने तरीके से याचिकाकर्ता को अनूपपुर से 1200 किलोमीटर दूर धार ट्रांसफर कर दिया।
चूंकि याचिकाकर्ता राज्यस्तरीय कर्मचारी संगठन में कोषाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुआ है, अतः उसे महज 2 वर्ष के भीतर कहीं और ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। जब वह 4 वर्ष पूर्ण कर ले, तभी ट्रांसफर उचित माना जा सकता है।