आॅनलाइन के कारण अटक गई अतिथि शिक्षकों की भर्ती

विवेक गुप्ता/भोपाल। लम्बे समय से अपने नियुक्ति आदेश का इंतजार करने वाले मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। कई दिनों से समाचार पत्रों के माध्यम से नेताओ की ओर से बयानबाजी की जा रही है कि अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया 20 तारीख से शुरू किया जाना सुनिश्चित है, परंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के पास अभी तक शिक्षकों की तबादला सूची जारी होने के बाद कोई फिक्स एग्जैक्ट आंकड़ा ही नहीं है कि कहां कितने रिक्त पदों पर विषयवार अतिथि शिक्षक की आवश्यकता है, तथा किस विषय की है। 

ना ही वर्तमान में विकासखंड स्रोत समन्वयक अधिकारी से इस तरह की जानकारी आला विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों के संबंध में मांगी गई है। अब विचारणीय प्रश्न यह है, कि जब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ऑनलाइन भर्ती पोर्टल के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित है, तो वहां यह जानकारी होना भी अति आवश्यक है कि किस शाला में विषय वार कितने शिक्षकों की आवश्यकता है। साथ ही साथ कई शालाओं की वर्तमान दर्ज संख्या गत वर्ष की दर्जसंख्या की अपेक्षा कम है, जिससे शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुपात के अनुसार कई शालाओं में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या कम हो रही है। 

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह संख्या सितंबर-अक्टूबर में फाइनल मेपिंग में ही पाएगी। किस शाला में कितने विद्यार्थी अध्यनरत है कि दर्ज संख्या, जिसके अनुसार अतिथि शिक्षकों की मांग प्राचार्य द्वारा आला विभाग से की जाएगी। ऐसी कंडीशन में स्थिति ऐसी बन गई है कि पोर्टल पर जो भी आंकड़े अतिथि शिक्षकों की रिक्त पदों के संबंध में डाले जा रहे हैं वह अधूरे हैं, जिससे गंभीर स्थिति बनने का अंदेशा है। साथ ही साथ हर वर्ष 28 जुलाई तक अतिथि शिक्षकों की नई पैनल तैयार हो जाती थी तथा 17 जुलाई से पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षको को कार्य करने का के लिए प्राथमिकता से आमंत्रित कर दिया जाता था, परंतु विभाग द्वारा यदि ऑनलाइन प्रक्रिया की जाती है, तो कम से कम तीन चरणों में यह प्रक्रिया पूर्ण होंगी, जिसमें लगभग लगभग 50 दिन का समय लगेगा। 

जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाने का अंदेशा एक्सपर्ट द्वारा लगाया जा रहा है। अतः हमारे सूत्रों के अनुसार अतिथि शिक्षकों की मध्य प्रदेश के 51 जिलों में ऑनलाइन प्रक्रिया संभव नहीं है। अब देखते हैं सरकार बच्चों के भविष्य को देखते हुए क्या सख्त कदम उठाती है? उन्हें बच्चों की शिक्षा की अधिक चिंता है या बेरोजगार अतिथि शिक्षक की। जिनकी राह सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों द्वारा देखी जा रही है कि कब हमारे मा शाब आये और हमारी पढ़ाई शुरू हो।इधर ये बेरोजगार अतिथि शिक्षक भी स्कूल जाने के आदेश को लेकर चिंतित है।

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