
क्या हुआ घटनाक्रम
भोपाल में अचानक कई लोगों के मोबाइल पर मैसेज आया कि उन्होंने अहमदाबाद में एक एटीएम से रुपए निकालें हैं। लोग परेशान हो गए। वो तो भोपाल में थे। अहमाबाद गए ही नहीं। भागे भागे लोग साइबर पुलिस के पास पहुंचे। खातों से राशि निकलने की शिकायत लेकर सायबर सेल पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था। दोपहर तक 26 लोगों के खाते से 6 लाख 74 हजार रुपए निकाले जाने के मामले सामने आ चुके थे, यह आंकड़ा देर शाम तक 36 खातों से 10 लाख रुपए से ज्यादा राशि निकाले जाने पर पहुंच चुका था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि लोगों के एटीएम कार्ड क्लोन किए गए हैं।
एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर खातों से राशि निकालने के मामले अब राजधानी से लगे जिलों से भी सामने आ रहे हैं। गुरूवार को इटारसी आईटीआई के रिटायर्ड प्रशिक्षण अधीक्षक के खाते से राशि निकलने की शिकायत साइबर सेल में दर्ज की गई। उन्होंने 7 जुलाई को पिपरिया में एसबीआई के एटीएम से 5 हजार रुपए निकाले थे और 11 जुलाई को उन्हें होशंगाबाद के बावई (माखननगर) से 4 बार में 10-10 हजार रुपए करके 40 हजार रुपए निकालने का एसएमएस आया, जबकि वे बावई गए ही नहीं।
बैंक नहीं दे रहा जवाब
जिस एटीएम में कार्ड की क्लोनिंग हुई वो एसबीआई का था। एसबीआई के अधिकारियों इस संबंध में संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ जानकारी देने का तैयार नहीं हुआ। यहां तक कि बैंक अधिकारियों ने सायबर सेल को भी कोई जानकारी नहीं दी। सायबर सेल को आरोपियों की संख्या 2 से अधिक होने की आशंका है।
एटीएम में कैमरा मिला
सायबर सेल की टीम गुरुवार दोपहर सेवाय कॉम्प्लेक्स स्थित एसबीआई के एटीएम पहुंची। टीम ने दोबारा से एटीएम का निरीक्षण किया। इस दौरान एटीएम में एक हिडन कैमरा मिला। यह कैमरा मशीन के की-पेड के ठीक ऊपर सफेद रंग के टेप में लपेटकर चिपका दिया गया था। इस कैमरे की मदद से शातिर बदमाश ने मशीन यूज करने आए सभी लोगों के पासवर्ड पता कर लिए थे। जांच के बाद टीम ने कैमरा जब्त कर लिया।
कैसे होती है कार्ड की क्लोनिंग
बदमाश एटीएम मशीन में जो कार्ड स्लॉट होता है उसे बदल देते हैं। नए स्लाट में डिजिटल स्कैनर लगा होता है। जैसे ही आप कार्ड स्लॉट के भीतर डालते हैं, उसका क्लोन तैयार हो जाता है। यह तकनीक इतनी सटीक है कि कोई भी कार्ड क्लोनिंग से बच ही नहीं पाता।
आपके साथ भी ऐसा हो तो क्या करें
एसपी सायबर सेल शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अब तक 26 लोगों की लिखित शिकायत मिल चुकी है, जबकि 10 अन्य लोगों की गुरुवार देर शाम तक शिकायत आई है। हमने उन्हें भी जांच में ले लिया है। रुपए निकलने के तीन दिन के अंदर शिकायत करने वालों को रुपए वापस मिल जाएंगे। क्योंकि यह उनकी गलती नहीं बल्कि एटीएम की गलती से धोखाधड़ी की गई है।
बचने के लिए क्या करें
यदि आप इस तरह की वारदात से बचना चाहते हैं तो केवल एक बात का ध्यान रखें। एटीएम के अंदर जाते ही सबसे पहले कैमरे की तलाश करें। यदि एक से अधिक कैमरे दिखाई दें तो एटीएम का यूज ना करें, क्योंकि दूसरा कैमरा आपका पासवर्ड चुराने के लिए लगाया गया है। बैंक एटीएम चेंबर में कभी भी कैमरा ऐसी पोजीशन पर नहीं लगाता जहां से आपका पासवर्ड चुराया जा सके। इसके अलावा सबसे जरूरी यह है कि जब भी आप अपना पासवर्ड डालें तो पासवर्ड पैड के ऊपर अपना दूसरा हाथ या कोई ऐसी चीज रख लें जो पारदर्शी ना हो। ताकि यदि कहीं कोई कैमरा हो तो वह आपका पासवर्ड चोरी ना कर पाए। यदि आपके कार्ड का क्लोन बन भी गया लेकिन साइबर ठग के पास पासवर्ड नहीं है तो आपके सुरक्षित होने की संभावनाएं बढ़ जातीं हैं।