भोपाल के बाद उत्तराखंड में ATM CARD क्लोनिंग, पलक झपकते ही खाली हो गए BANK ACCOUNT

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और आसपास के इलाकों के बाद अब उत्तराखंड में एटीएम कार्ड क्लोनिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राजधानी देहरादून में पिछले तीन दिन में अब तक एटीएम की क्लोनिंग कर धोखे से पैसे निकालने के 57 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें लाखों रुपये का धोखा किया जा चुका है। शुरुआत में इसे साइबर क्राइम बताया जा रहा था लेकिन देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती के अनुसार यह साइबर क्राइम नहीं है, एटीएम क्लोनिंग कर यह अपराध किया गया।

एसएसपी के अनुसार यह क्लोनिंग स्किमिंग के ज़रिए की गई है जो बेहद शातिराना अपराधियों का काम है। स्किमिंग का अर्थ है एटीएम में लगी एक स्मार्ट चिप के ज़रिए एटीएम का डाटा कॉपी करना और फिर उस डाटा का इस्तेमाल कर डुप्लीकेट कार्ड बनाना और उससे पैसे निकाल लेना। शातिर अपराधियों ने देहरादून के कई एटीएम मशीनों से स्किमिंग के ज़रिए डाटा कॉपी किया और उनके डुप्लीकेट कार्ड बनाकर राजस्थान के जयपुर से पैसे निकाले। 

जब एक के बाद के लोगों के अकाउंट से पैसे निकलने लगे तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवानी शुरू की। देहरादून के एसपी सिटी प्रदीप राय के अनुसार सोमवार सुबह तक 47 शिकायतें दर्ज की गई थीं जिनमें से कुल मिलाकर 16 लाख रुपये निकाले गए थे। इसके बाद 10 और शिकायतें मिली हैं जिनसे हुई चोरी का आकलन किया जाना बाकी है। 

एसपी सिटी के अनुसार इन मामलों में सबसे ज़्यादा कार्ड एसबीआई के हैं, फिर पीएनबी के, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के और आईसीआईसीआई के भी कार्ड हैं। शिकायतें आने के बाद पुलिस ने उन एटीएम की पड़ताल की जिनमें खाताधारकों ने आखिरी ट्रांजेक्शन की थी। पुलिस ने जिन सात एटीएम की जांच की उनमें से किसी में भी गार्ड नहीं था। एटीएम मशीनें पुरानी थीं और जिन कार्डों की क्लोनिंग की गई वह भी पुराने थे। यह पूरी की पूरी घटना भोपाल जैसी ही है। वहां भी एसबीआई की पुरानी एटीएम मशीन को शिकार बना गया जहां गार्ड तैनात नहीं था। भोपाल से क्लोनिंग करके गुजरात के अहमदाबाद से पैसे निकाले गए। 
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