सिंधिया का नोटिस मिलते ही सकपका गए शिवराज सिंह के नंदू भैया

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह के सबसे पसंदीदा भाजपा नेता एवं प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मानहानि का नोटिस जारी करने के बाद सकपका गए। उन्होंने बयान बदल दिया है। पहले कहा था कि कार्यक्रम स्थल को गंगाजल से धोकर सिंधिया ने दलितों का अपमान किया है। अब कह रहे हैं कि ट्रामा सेंट्रर में शिला पटि्टका को गंगाजल से धोया गया या नहीं, यह जांच का विषय है। बता दें कि सिंधिया ने लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी पेश किया है। यहां याद दिला दें कि दिग्विजय सिंह को 'मिस्टर बंटाढार' कहने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती आज भी मानहानि की पेशियां कर रहीं हैं। जबकि भाजपा के 2 वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से माफी मांगकर राजीनामा कर चुके हैं। 

वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मानहानि मामले में भी नंदकुमार सिंह गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि ट्रामा सेंटर लोकार्पण ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक दिन पहले दलित विधायक के करने के बाद कर दिया इससे सिंधिया का मान प्रदेश में कम हो गया है। बता दें कि सिंधिया ने उन्हें लीगल नोटिस भी भेजा है, जिसमें कहा गया है कि, नंदकुमार सिंह चौहान सार्वजनिक रूप से उनसे माफी मांगे या फिर कानूनी कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहें। 

बता दें कि नंदकुमार सिंह चौहान ने अचानक ऐलान किया था ​कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोकनगर में ट्रामा सेंटर को गंगाजल से धुलवाकर देश के दलितों का अपमान किया है। इसी के साथ उन्होंने अपने सभी जिलाध्यक्षों समेत भाजपा व मोर्चो के पदाधिकारियों को आदेशित किया था कि सिंधिया के पुतले जलाएं। आदेश के पालन में प्रदेश भर में सिंधिया को दलित विरोधी बताते हुए पुतले जलाए गए और इसकी पुष्टि भाजपा मीडिया सेंटर की ओर से जारी हुई प्रेस रिपोर्ट से भी हुई। नंदकुमार सिंह चौहान के बयान और पुतलादहन के बीच इस बात का खुलासा हो गया था कि जिस 'गंगाजल' को लेकर सिंधिया पर हमला बोला जा रहा है वो तो कार्यक्रम स्थल पर था ही नहीं। 
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