कांग्रेसी विधायकों ने दी सरकार को चुनौती, साबित करो, इस्तीफा लो: किसान आंदोलन

भोपाल। जैसी की उम्मीद थी मप्र विधानसभा का मानसून सत्र किसानों पर केंद्रित हो गया। किसान आंदोलन को लेकर शिवराज सिंह सरकार के मंत्रियों ने कांग्रेसी विधायकों पर आरोप लगाए कि उन्होंने आंदोलन को भड़काने का काम किया है। 2 कांग्रेसी विधायकों ने सरकार को चुनौती दी है कि यदि वो अपने आरोप साबित कर दें तो हम इस्तीफा दे देंगे। सदन में मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मंदसौर गोली कांड के दौरान की कई वीडियो क्लिपिंग सरकार को मिली है। जिसमें स्पष्ट है कि कौन-काैन लोग किसानों को उकसा रहे हैं। इस पर जीतू पटवारी ने कहा कि मेरे खिलाफ सबूत हैं तो एफआईआर दर्ज कराएं। मैं सदन से इस्तीफा दे दूंगा। 

इसी तरह गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने वक्तव्य में बिना नाम लिए सिर्फ इतना ही कहा था कि एक विधायक ने बाजार से सब्जी खरीदकर सड़क पर फेंकी और मीडिया में फोटो जारी कर दी। इस पर इच्छावर से कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि आप बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। यदि आप साबित कर दें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।

जांच पूरी होते ही FIR भी दर्ज होगी 
मंदसौर गोलीकांड और किसानों की आत्महत्याओं को लेकर कांग्रेस के 47 विधायकों के स्थगन प्रस्ताव पर 8 घंटे हुई चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर कई आरोप लगाए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों की समस्या का समाधान करने के बजाय उन पर गोली चलवाई। इस पर गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जांच का हवाला देकर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने गैर भाजपाई राज्यों में किसानों की आत्महत्या का तुलनात्मक ब्यौरा पेश किया कि मप्र में किसान आत्महत्या का प्रतिशत 13 है। जबकि पांडिचेरी में 42%।

गृहमंत्री ने कहा सारे आरोप गलत हैं 
गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप गलत है कि 10 जून से अब तक सवा महीने में 65 किसानों ने कर्ज, फसल खराब होने, बीमा का मुआवजा नहीं मिलने और बिजली मनमाने बिल की वजह से आत्महत्या की है। यह भी गलत है कि बैतूल में आदिवासी किसान ने खेत में कुआं खुदवाने के लिए बेटे को 15 हजार में गिरवी रखा है।

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