पेट्रोल/डीजल सबसे महंगा हुआ तो क्या, टैक्स क्यों घटाएं

भोपाल। पेट्रोल और डीजल की कीमतों के मामले में मध्यप्रदेश देश के सबसे महंगे राज्यों की टॉप लिस्ट में है। यहां दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा और कुछ ऐसे टैक्स भी लगाए गए हैं जो केवल मध्यप्रदेश में ही प्रभावशील है। मोदी सरकार ने सारे देश के उत्पाद और सेवाएं जीएसटी के दायरे में ला दीं परंतु पेट्रोल/डीजल अब भी जीएसटी के बाहर हैं। शिवराज सरकार पेट्रोल/डीजल पर बेतहाशा थोपे गए टैक्स को हटाने के मूड में भी नहीं है। मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने आज कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल के एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी। 

जवाब के मुताबिक शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान पेट्रोल एवं डीजल से कर के रूप में तीनों अधिनियमों (वेट, केंद्रीय विक्रय कर और प्रवेश कर) के अंतर्गत 8886.15 करोड़ रुपए की राशि अर्जित की गई है। प्रदेश में दोनों पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट वसूला जा रहा है। पेट्रोल पर 20 दिसंबर 2014 से 31 फीसदी और डीजल पर 27 फीसदी मूल्य आधारित कर वसूला जा रहा है। इसके अलावा पेट्रोल पर 18 अगस्त 2016 से अतिरिक्त कर के तौर पर 4 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 23 जनवरी 2016 से डेढ रुपया प्रति लीटर अतिरिक्त कर प्रभावशील है। दोनों पदार्थों पर प्रवेश कर की दर एक फीसदी है।

किसानों को कर रहित डीजल पर सरकार का इंकार
जवाब में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य में दोनों पदार्थों पर करों की दर में कटौती का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। किसानों को कर रहित डीजल उपलब्ध कराने की कोई योजना होने से भी शासन ने इंकार किया है। मंत्री की ओर से दिए गए लिखित जवाब में कहा गया है कि राज्य में करारोपण प्रदेश की वित्तीय जरुरतों के हिसाब से किया जाता है।

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