सुषमा स्वराज ने देश को गुमराह किया, बिहार में केस फाइल

नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ 2014 में इराक के मोसुल में लापता 39 भारतीय नागरीकों के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप में बिहार के मुजफ्फरपुर में शिकायत दर्ज करायी गई है। याचिकाकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर की जिला अदालत में सुषमा पर इराक में लापता लोगों को लेकर झूठ बोलने और देश को गुमराह का आरोप में याचिका दी है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। 

दरअसल सुषमा स्वराज ने रविवार को कहा कि सूत्रों से सूचना मिली है कि मोसुल के पास स्थित बादुश गांव में एक जेल है, संभावना है कि लापता भारतीय नागरिक शायद वहीं कैद हैं।हालांकि एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइइट की पड़ताल में सामने आया कि सरकार की ओर से मोसुल की जिस जेल में भारतीय नागरीकों के कैद होने की बात कही जा रही है वो जेल ISIS के हमले में अब मलबे में तब्दील हो गया है। ऐसे में ये बड़ा सवाल है कि लापता 39 भारतीय कहां हैं और किस हालात में हैं।

सोमवार को संसद में भी ये मुद्दा गूंजा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ कांग्रेस विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की तैयारी में थी। कांग्रेस ने सुषमा पर देश और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अकाली दल सांसद चंदूमाजरा ने लोकसभा में लापता भारतीयों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लापता में से अधिकतर लोग पंजाब से हैं, मैं चाहता हूं कि सरकार इस पर जवाब दे। वहीं इस खुलासे के बाद बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लापता लोगों की तलाश जारी है। 

इस बीच इराक के विदेश मंत्री डॉ. इब्राहिम अल जाफरी ने कहा है कि इराक सरकार के पास लापता 39 भारतीयों की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि बंधक बनाए गए भारतीय मजदूर जिंदा हैं या मारे गए, इसे लेकर भी उनके पास कोई पुख्ता सूचना नहीं है।

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