62 का युद्ध भारत और चीन के बीच तनाव का मूल कारण है: ग्लोबल टाइम्स

नई दिल्ली। सिक्किम में डोकलाम सीमा विवाद को लेकर चीनी मीडिया हर रोज कोई नया आरोप लगा रहा है। इस बार उसने पूरे विवाद के पीछे हिंदू राष्ट्रवाद को कारण बताया है और लिखा है कि इसकी वजह से युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार 'हिन्दू राष्ट्रवाद' ने पीएम नरेंद्र मोदी की चीन नीति को प्रभावित किया है जिस कारण दोनों देशों में युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ''लंबे समय से इस बात को फैलाया जा रहा है कि कि चीन ने चारों तरफ से भारत की 'घेराबंदी' की है। वहीं दूसरी तरफ़ चीन ने मित्रभाव दिखाते हुए भारत को वन बेल्ट, वन रोड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। भारत मानता है कि वन बेल्ट, वन रोड चीन की सामरिक रणनीति का हिस्सा है।' इस लेख में कहा गया है कि सिक्किम बॉर्डर विवाद पर नई दिल्ली चीन के राष्ट्रीय ताकत से बेहद कमजोर है।

लेख के अनुसार, 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में हिंदू राष्ट्रवाद की भावनाएं तेजी से बढ़ीं हैं और इसके लिए मोदी सरकार कुछ भी नहीं कर पाई है। यहीं कारण है कि 2014 के बाद से भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। इस लेख में आगे लिखा गया है, '1962 में चीन के हाथों मिली हार के बाद कुछ भारतीय वहीं अटके हुए हैं। इसलिए भारत को चीन के हर कदम में संदेह होने लगता है।

चीन जितनी तेजी से विकास कर रहा है भारत को उतनी ही चिंता होने लगती है। भारत में राष्ट्रवादी ताकतें चीन के खिलाफ बदला चाहती हैं यही कारण है कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच में तनाव बढ़ा है। एक तरह से इस सोच ने देश की भावनाओं को बढ़ाया है तो दूसरी तरफ भारत में परपंरावादियों के प्रभाव को अधीन कर दिया है।'

अख़बार ने लिखा है, 'भारत में राष्ट्रवादियों का प्रभाव बढ़ रहा है और इससे आर्थिक सुधार की गति प्रभावित हो रही है। क्योंकि राष्ट्रवादी ताकते चीन के खिलाफ बदला चाहती हैं यही कारण है कि सीम पर दोनों देशों के बीच में तनाव बढ़ा है। इस बार सीमा पर तनातनी भारत की तरफ से पूरी तरह से लक्षित है जो भारत के धार्मिक राष्ट्रवादियों की मांग पूरी कर रही है।'

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