श्रीखंड महादेव: ये है देश की सबसे रोमांचकारी धार्मिक यात्रा

धार्मिक यात्राओं पर तो करोड़ों लोग हर साल निकले हैं परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं तो रोमांचकारी धार्मिक यात्राओं पर भी निकलते हैं। देश की सबसे रोमांचकारी धार्मिक यात्राओं में से एक है श्रीखंड महादेव की यात्रा। समुद्र तल से 18000 फीट की ऊंचाई पर, जहां आॅक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है, श्रीखंड महादेव विराजमान हैं। इनके दर्शन हेतु 32 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पूरी करनी होती है। इस मार्ग में बर्फ से ढंकी संकरी गलियां भी मिलतीं हैं। कहीं पहाड़ तो कहीं खा​ईयों के नजदीक से होकर गुजरते हैं। 5 किलोमीटर की यात्रा के बाद ऐसा लगता है मानो भगवान भोलेनाथ के धाम की तरफ बढ़ रहे हैं। 2017 में यह 15 से 30 जुलाई तक आयोजित होगी। 25 जुलाई को श्रद्धालुओं का अंतिम जत्था श्रीखंड महादेव के लिए रवाना होगा। जो 30 जुलाई को लौटेगा। 

यह यात्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्ले जिले से शुरू होगी। इस बार यह यात्रा कहीं ज्यादा रोमांचकारी होगी क्योंकि पूरे रास्ते पर बर्फ जमा है। इस बार अधिक बर्फ जमा होने से दो रेस्क्यू टीमें श्रीखंड महादेव को जाने वाले रास्ते का पूरा मुआयना करेगी। जुलाई के पहले सप्ताह में श्रीखंड के रास्तों को जांचा जाएगा और प्रशासन को रिपोर्ट दी जाएगी।

मात्र 100 रुपये लगेगी पंजीकरण फीस
यात्रा के लिए प्रशासन ने 100 रुपए फीस रखी है। साथ ही किसी भी रजिस्टर्ड मेडिकल संस्थान से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी है। बिना फिटनेस के यात्रा में हिस्सा नहीं लिया जा सकता है। एसडीएम आनी ने बताया कि निरमंड क्षेत्र से 15 से 31 जुलाई इस यात्रा को अधिकारिक तौर पर चलाया जाएगा। प्रशासन और श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को सुविधाएं दी जांएगी। बेस कैम्प में पंजीकरण और हैल्थ चेकअप होगा। मेडीकली फिट श्रद्धालू को आगे जाने दिया जाएगा। इसके अलावा, रेस्क्यू टीम भी तैनात रहेगी। श्रीखंड महादेव के लिए अंतिम जत्था सिंघगाड से 25 जुलाई को रवाना होगा।

उसके बाद कोई भी आगे नहीं जा सकेगा। कुल्लु के डीसी यूनुस ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम रहेंगे। यात्रा शुरू करने से पहले प्रशासन की टीम श्रीखंड रवाना होगी, जो पूरे मार्ग का मुआयना करने के बाद सुझाव देगी। इसी अनुसार प्रबंध होंगे। सभी अहम पड़ावों व रास्तों की मरम्मत भी की जाएगी।

सबसे मुश्किल धार्मिक यात्रों में एक
बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है। उसके बाद अमरनाथ यात्रा का नंबर आता है लेकिन हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन है। अमरनाथ यात्रा में जहां लोगों को करीब 14000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है वहीं, श्रीखंड महादेव 18570 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। केलाश मानसरोवर और अमरनाथ यात्रा के लिए घोड़े और खच्चरों का प्रयोग होता है, लेकिन श्रीखंड महादेव तक पैदल ही पहुंचा जा सकता है। यहां के लिए हवाई सेवा भी नहीं है। इस मार्ग पर ऑक्सीजन की कमी रहती है और हर साल श्रद्धालुओं को जान से हाथ भी धोड़ा पड़ता है।

भस्मासुर से बचने के लिए यहीं छुपे थे भगवान शिव
श्रीखंड महादेव हिमाचल के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटा है। मान्यता के अनुसार, इस चोटी पर भगवान शिव का वास है और यहां पर बने शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है। पौराणिकता मान्यता है कि भस्मासुर ने शिव की तपस्या की और वरदान मांगा कि वह जिस के भी सिर पर हाथ रखेगा तो वह भस्म हो जाएगा। शिव जी ने खुश होकर उन्हें यह वरदान दे दिया। भस्मासुर मां पार्वती से शादी करना चाहता था, इसलिए उसने भगवान भोलेनाथ को ही भस्म करने की योजना बनाई लेकिन भगवान विष्णु ने बड़ी चालकी से भस्मासुर को उसी के वरदान से भस्म कर दिया। दरअसल, विष्णु जी ने मां पार्वती का रूप धारण किया और भस्मासुर को अपने साथ नृत्य के लिए राजी किया। नृत्य के दौरान भस्मासुर ने अपने सिर पर ही हाथ रखा और भस्म हो गया।

सिंघगाड में श्रद्धालुओं का पंजीकरण और मेडिकल चेकअप होगा। थाचडू, भीमडवारी में कैंपों में डॉक्टर और पुलिस जवान तैनात रहेंगे। पार्वती बाग अंतिम बेस कैंप है। यहां भी रेस्क्यू टीम, पुलिस और होमगार्ड के जवान मौजूद रहेंगे।

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