
इस प्रेम कहानी की चर्चा दूर-दूर तक हैं और राजनीतिक पंडित कयास लगा रहे हैं कि दो अलग-अलग दल के नेताओं का मिलन भविष्य में क्या सियासी गुल खिलाएगा। हालांकि दोनों का कहना है कि उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता अपने-अपने दलों के लिए पहले की तरह रहेगी। कांग्रेस पार्टी से शहडोल संसदीय क्षेत्र का चुनाव लड़ चुकी पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दलबीर सिंह और पूर्व कांग्रेस सांसद स्व. राजेश नंदनी की पुत्री हिमाद्री सिंह और भाजपा के युवा नेता अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) नरेन्द्र मरावी ने गुरूवार शाम अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम स्थित हिमाद्री सिंह के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में सगाई के बंधन में बंध गए।
फिलहाल नरेन्द्र मरावी मप्र अजजा आयोग के अध्यक्ष हैं एवं उनके चाचा जयसिंह मरावी शहडोल की जैतपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। शहडोल संभाग की बीजेपी की राजनीति में जयसिंह मरावी और उनके भतीजे नरेन्द्र मरावी का काफी ऊंचा कद है। इस परिवार का प्रदेश भाजपा की राजनीति में भी खासा दखल रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ शहडोल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर परिवार की हिमाद्री सिंह की राजनीतिक विरासत भी कही से कमजोर नहीं है। हिमाद्री के पिता स्वर्गीय दलवीर सिंह राजीव गांधी सरकार में मंत्री थे। तो उनकी मां पिता के निधन के बाद शहडोल संसदीय सीट से सांसद भी चुनी जा चुकी है। अपने माता पिता की राजनीतिक विरासत की इकलौती वारिस हिमाद्री सिंह है। पिछले साल नवम्बर माह में शहडोल संसदीय सीट में हुए उपचुनाव में युवा और आकर्षक हिमाद्री सिंह ने बीजेपी के लिए तगड़ी चुनौती थी। तमाम हथकंडे अपनाने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी ज्ञानसिंह महज 50 हजार वोटों से हिमाद्री से चुनाव जीत पाए थे। जबकि शिवराज सरकार ने इस चुनाव जीतने के लिए शहडोल संसदीय सीट में सौगातों की बरसात करने के साथ-साथ ऐसा कोई हथकंडा नहीं छोड़ा था, जो हिमाद्री के हराने के लिए मददगार हो।

फिलहाल ये कयासबाजी का दौर है, लेकिन इन दोनों के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों की मानें तो दोनों लंबे समय से प्रेम के बंधन में बंधे हुए थे, वहीं सगाई के बाद दोनों का ये कहना है कि उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता अपने-अपने दलों के लिए जस की तस रहेगी।