मंदसौर जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई कांग्रेसी गिरफ्तार

भोपाल। मंदसौर पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को गिरफ्तार कर लिया गया। सिंधिया को मंदसौर की सीमा में घुसते हुए हिरासत में लिया गया। इस दौरान उनके साथ मौजूद उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को समझाने पर भी वह नहीं माने तो उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इससे पहले आज मंगलवार सुबह ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को भी मंदसौर जाने से पहले हिरासत में लिया गया था। बुधवार को राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मंदसौर जाकर किसानों से मिलने वाले हैं। सिंधिया को रोकने के लिए पुलिस ने वज्र वाहन लगा रखा था। सिंधिया को हिरासत में लेते हुए वो वज्र वाहन पर चढ़ गए। बाद में वो धरने पर बैठे गए। 

विदेश में अपने बेटे का इलाज करा रहे सिंधिया मंदसौर फायरिंग के बाद अपने बेटे को वहीं छोड़कर इंडिया वापस लौट आए। वो सबसे पहले इंदौर आए। यहां वो अस्पतालों में भर्ती घायल किसानों से मिले जो मंदसौर पुलिस फायरिंग में घायल हुए हैं। इसके बाद वो मंदसौर के लिए रवाना हुए। सिंधिया ने पत्रकारों से कहा, 'धारा 144 लगी है तो मैंने पुलिस से कहा कि मैं अकेले जाऊंगा, कौन रोक सकता है अगर इंसान अकेले जाना चाहता है।' 

पीसीसी ने भोपाल में जारी प्रेस रिलीज में सरकार के इस कदम पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री कमलनाथ, श्री दिग्विजयसिंह, अभा कांग्रेस कमेटी के महासचिव (प्रभारी मप्र) श्री मोहन प्रकाश, मप्र व राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षद्वय श्री अरूण यादव, सचिन पायलेट और नेता प्रतिपक्ष श्री अजयसिंह के बाद आज पूर्व केंद्रीय मंत्री (सांसद) श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिरफ्तारी को राज्य सरकार का तालीबानी चरित्र बताते हुए मुख्यमंत्री से जानना चाहा है कि क्या, ये सभी नेता आतंकवादी हैं, क्या प्रदेश में विपक्ष के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विचारों की आजादी के संवैधानिक अधिकार को कानून और व्यवस्था के नाम पर अघोषित आपातकाल लगाकर समाप्त करना किस लोकतांत्रिक व्यवस्था का अंग है? 

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