
नीति आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मिलकर एक ऐसा ही प्लान बनाया है। इसके साथ ही यूजीसी और एआईसीटीई के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में सुधार के लिए अल्पकालीन कदम उठाने का फैसला लिया गया है। नए एजेंडा में विदेशी संस्थानों के साथ संयुक्त डिग्री देने, फुल ऑनलाइन कोर्स कराने, फैकल्टी को ज्यादा इंसेंटिव देने, पीएचडी एडमिशन देने का फैसला करने के लिए नेट का उपयोग करना और यूजीसी व एआईसीटीई में इंस्पेक्टर राज को खत्म करने का वादा किया गया है।
इस प्रस्ताव के तहत सबसे बड़ी बात यह है कि ऑनलाइन कोर्स की फ्रीडम भी दी जा रही है। वर्तमान में यूजीसी किसी भी ऑनलाइन कोर्स को मान्यता नहीं देती हैं। मगर, अब वह इस बात से सहमत हो गई है कि टॉप 100 यूनिवर्सिटीज को फुल्ली ऑनलाइन प्रोग्राम चलाने की अनुमति दी जाएगी। जिन कोर्सेज में प्रेक्टिकल की जरूरत नहीं होती है, उनको इसके तहत शामिल किया जाएगा।
दूसरा बड़ा मामला है कि चुनिंदा फैकल्टी को अतिरिक्त इंसेंटिव दिए जाएंगे, जो करीब 10 फीसद होंगा। इसके अलावा सरकार इस बात पर भी सहमत हो गई है कि वह उच्च प्रतिष्ठित विदेशी यूनिवर्सिटीज को अपने कैंपस को जियो पॉलिटिकल महत्व वाली जगहों पर खोलने की इजाजत देगी।