पढ़ाई का तनाव: भोपाल में ENGINEERING छात्र को ब्रेन हेमरेज, मौत

Bhopal Samachar
भोपाल। हायर एजुकेशन अब बेहद तनावभरी हो गई है। प्राइवेट कॉलेजों की महंगी फीस ने इस तनाव को दोगुना कर दिया है। पेरेंट्स महंगी फीस चुकाकर बच्चों का ए​डमिशन तो करा देते हैं फिर उम्मीद करते हैं कि वो हर हाल में टॉप करे। कम से कम इतनी पढ़ाई तो करे कि उसका कैंपस सिलेक्शन हो जाए। इधर प्राइवेट कॉलेजों में ना तो ठीक से पढ़ाई कराई जा रही है और ना ही कैंपस आ रहे हैं। स्टूडेंट्स को प्रबंधन की ओर से आने वाले कई तरह के तनाव से भी गुजरना होता है। प्रबंधन जानता है कि स्टूडेंट पर पेरेंट्स का दवाब है, इसलिए प्रबंधन इसका फायदा उठाता है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई में छात्रों के सामने यह बड़ी चुनौती है। इसी के चलते भोपाल में एक छात्र की मौत हो गई। वो पढ़ते पढ़ते बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां मृत घोषित कर दिया गया। 

पिपलानी पुलिस के अनुसार मूलतः झारखंड का रहने वाला 23 वर्षीय आदित्य सिंह चौहान पुत्र मंगल सिंह प्रेस कॉलोनी आनंद नगर में किराए का कमरा लेकर रहता था। वो एक प्राइवेट कॉलेज में बीई थर्ड ईयर का छात्र था। सोमवार देर रात पढ़ाई करते समय अचानक वो बेहोश हो गया। रूम पार्टनर मुकेश उसे लेकर हमीदिया अस्पताल पहुंचा था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक तीन भाई में सबसे छोटा था। उसके पिता बीसीसीएल बिहार से रिटायर हैं।

ब्रेन हेमरेज होने की आशंका
मृतक का भाई प्रदीप दिल्ली में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है। सूचना मिलने पर वह मंगलवार सुबह ही भोपाल पहुंच गया। हमीदिया के डॉक्टरों ने उसे बताया कि आदित्य की मौत की वजह ब्रेन हेमरेज हो सकती है। इधर, पुलिस फुल पीएम रिपोर्ट आने के बात मौत के कारण का खुलासा होने की बात कह रही है।

क्यों होता है ब्रेन हेमरेज
मेदांता के इंटरवेंशनल न्यूरो रेडियोलॉजी सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉं. विपुल गुप्ता के मुताबिक ब्रेन हैमरेज के कारण हैं- बढ़ती उम्र, उच्च रक्तचाप, ऐन्यूरिज्म का फटना, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियां, मधुमेह, मोटापा, ड्रग्स का सेवन आदि। दिमाग में कमजोर रक्त कोशिकाओं या उनमें सूजन को ऐन्यूरिज्म के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना गया है कि आज की जनसंख्या में 3 से 5 प्रतिशत लोग इंट्राक्रेनियल ऐन्यूरिज्म का शिकार हैं।  दिमाग में जब भी अचानक से रक्त प्रवाह कम होता है या किसी कारणवश अवरोधित होता है तो स्ट्रोक होने का खतरा लगातार बना रहता है। ऐसे में ब्रेन हैमरेज या पैरालिसिस की स्थिति आ सकती है। कभी-कभार दिमाग में रक्तस्‍त्राव होने के कारण भी ब्रेन स्टोक की नौबत आ सकती है। यह विश्व में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण हैं। हर साल लगभग छह लाख लोग स्ट्रोक से मरते हैं।  
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